जग सपने की माया भजन लिरिक्स

    चेतावनी भजन

    • 5 Jul 2025
    • Admin
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    जग सपने की माया भजन लिरिक्स

    जग सपने की माया साधो जग सपने की माया है ॥
    शोच समझ नर दिल अपने में ।
    कौन है तुं किस कारण इस दुनियां में । मनुज तन पाया है ॥ टेक ॥


    नारी सुत बांधव चेरा है नहि तेरा है नहि मेरा है।
    चिड़ियां का रैन बसेरा है ।
    अपने अपने कर्मन के वश कोई जावत है कोई आया है ॥ १ ॥


    घर मंदिर माल खजाना है । दो दिनका यहां ठहराना है ।
    फिर आखिर तुझको जाना है ।
    कर अपने करसे शुभ कारज जो परलोक सहाया है ॥ २ ॥


    चेहरे की सुंदरताई है थोडे दिनकी रुसनाइ है ।
    फिर खाक में ख़ाक मिलाई है ।
    दिनदिन छीजत यह काया है ॥ ३ ॥


    यह झूठा सब संसारा है माया ने जाल पसारा है ।
    क्यों भूला फिरत गवारा है ।
    ब्रम्‍हानंद रूपबिन जाने जन्म मरण भटकाया है ॥

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