काया (हंसला) के भजन संग्रह लिरिक्स
जग सपने की माया साधो जग सपने की माया है हिंदी भजन लिरिक्स
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जग सपने की माया साधो जग सपने की माया है ॥
शोच समझ नर दिल अपने में ।
कौन है तुं किस कारण इस दुनियां में । मनुज तन पाया है ॥ टेक ॥
नारी सुत बांधव चेरा है नहि तेरा है नहि मेरा है।
चिड़ियां का रैन बसेरा है ।
अपने अपने कर्मन के वश कोई जावत है कोई आया है ॥ १ ॥
घर मंदिर माल खजाना है । दो दिनका यहां ठहराना है ।
फिर आखिर तुझको जाना है ।
कर अपने करसे शुभ कारज जो परलोक सहाया है ॥ २ ॥
चेहरे की सुंदरताई है थोडे दिनकी रुसनाइ है ।
फिर खाक में ख़ाक मिलाई है ।
दिनदिन छीजत यह काया है ॥ ३ ॥
यह झूठा सब संसारा है माया ने जाल पसारा है ।
क्यों भूला फिरत गवारा है ।
ब्रम्हानंद रूपबिन जाने जन्म मरण भटकाया है ॥
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