बाबाजी रति नाथजी के भजन लिरिक्स हिंदी लिखित में पीडीऍफ़
हिण्डो तो घलादे सतगुरु म्हारा बाग मे जी भजन लिरिक्स
हिण्डो तो घलादे सतगुरु म्हारा बाग मे जी।
सतगुरु म्हारा, हिण्डे-हिण्डे सुरता नार ॥टेर॥
काया तो नगरिये मे सतगुरु म्हारा आमली जी।
सतगुरु म्हारा छायी छायी च्यारुँ मेर ॥1॥
अगर-चंदन को सतगुरु म्हारा पालणो जी।
सतगुरु म्हारा रेशम डोर घलाय ॥2॥
पाँच सखी मिल पाणीड़े न निसरी जी।
सतगुरु मेरा पाँचू ही एक उणियार ॥3॥
नाथ गुलाब से सतगुरु म्हारा विनती जी।
सतगुरु मेरा गावै-गावै भानीनाथ ॥4॥
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