हेली मारी कर सोळा सिंगार , गुरा जी सु मिलबा चाला ये भजन हिंदी लिरिक्स
।। दोहा ।।
सात दीप नो खंड में ,भाई गुरु से बड़ा ना कोई।
धर्मराज भी शीश झुकावे ,वोई जीत गुरु का होई।
~ हेली मारी कर सोळा सिंगार ~
हेली मारी कर सोळा सिंगार ,
गुरा जी सु मिलबा चाला ये। २
गुरु सबद को साबुन ले ले।
कचरा ने परो ये निकाल।
हो हेली मारी कचरा ने पारो निकाल।
राम नाम की टिकी लगाले।
सतसंग सुरमो सार।
हेली मारी कर सोळा सिंगार ,
गुरा जी सु मिलबा चाला ये।
दया धर्म को पेर ले ये घागरो।
नेम को नाडो डाल।
हो हेली मारी नेम को नाडो डाल।
करनी री गाठ जुगत से दिज्ये।
हँसे नहीं संसार।
हेली मारी कर सोळा सिंगार ,
गुरा जी सु मिलबा चाला ये। २
ओर पिया मारे लारे नी आवे।
अजर अमर पियो मारो।
हो हेली मारी अजर अमर पियो मारो।
युही पिया से लागी डोर मारे।
एक पलक नहीं न्यारो।
हेली मारी कर सोळा सिंगार ,
गुरा जी सु मिलबा चाला ये। २
नाथ गुलाब मिल्या गुरु पूरा।
दियो सबद टंकारो।
हो हेली मारी दियो सबद टंकारो।
भवानी नाथ सर ना सत गुरु की।
से जा लियो किनारो।
हेली मारी कर सोळा सिंगार ,
गुरा जी सु मिलबा चाला ये। २
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