हर भज हर भज हीरा परख ले भजन हिंदी लिरिक्स

हर भज हर भज हीरा परख ले, समझ पकड़ नर मजबूती ।

अष्ट कमल पर खेलो मेरे दाता, और बारता सब झूठी ॥टेर॥

 

इन्द्र घटा ज्यूँ म्हारा सतगुरु आया, आँवत ल्याया रंग बूँटी ।

त्रिवेणी के रंग महल में साधा लाला हद लूटी ॥1॥


इण काया में पाँच चोर है, जिनकी पकड़ो सिर चोटी ।
पाँचवाँ ने मार पच्चीसाँ ने बसकर, जद जाणा तेरी बुध मोटी ॥2॥


सत सुमरण का सैल बणाले, ढाल बणाले धीरज की ।
काम, क्रोध ने मार हटा दे, जद जाणा थारी रजपूती ॥3॥


झणमण झणमण बाजा बाजै, झिलमिल झिलमिल वहाँ ज्योति ।
ओंकार के रणोकार में हँसला चुग गया निज मोती ॥4॥


पक्की घड़ी का तोल बणाले, काण ने राखो एक रती ।
शरण मच्छेन्द्र जति गोरक्ष बोल्या, अलख लख्या सो खरा जती ॥5॥

 

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