हंसा निकल गया रे काया से भजन लिरिक्स भजन हिंदी लिरिक्स

    चेतावनी भजन

    • 5 Jul 2025
    • Admin
    • 14465 Views
    हंसा निकल गया रे काया से भजन लिरिक्स भजन हिंदी लिरिक्स

    ।। दोहा ।।
    ये तन विष की बेल है , सतगुरु अमृत खान।
    शीश दिया सतगुर मिले ,तो भी सस्ता जान।

    ~ हंसा निकल गया रे काया से ~

    हंसा निकल गया रे काया से,
    खाली पड़ी रेवे तस्वीर -
    पड़ी रेवे तस्वीर ,
    खाली पड़ी रेवे तस्वीर |
    हंसा


    कोई मनाया देवी देवता ,
    कोई पूज्या पीर -
    आया पर्वा ना उसी घर का ,
    अब जाना पड़ा आखिर ।।
    हंसा


    कोई रोवे कोई मल मल धोवे ,
    कोई ओढावे चिर -
    चार जाना मिल मुर्दो उठायो ,
    ले गया जमाना तीर ।।
    हंसा


    यम का दूत लवण ने आवे ,
    मनड़ो करे नहीं धीर -
    मार -मार के प्राण नीकालिया ,
    जद नैना में छलके नीर ।।
    हंसा


    माल मूलक की कोड चलाई ,
    संग नहीं जावे शरीर -
    जाय जंगल में जीता चुनाई ,
    कह गया दास कबीर ।।
    हंसा


    हंसा निकल गया रे काया से,
    खाली पड़ी रेवे तस्वीर -
    पड़ी रेवे तस्वीर ,
    खाली पड़ी रेवे तस्वीर |
    हंसा

     


    अन्य प्रसिद्ध कायारूपी भजन भी देखे : - 

    हो जाओ तैयार गाड़ी स्टेशन पर आती है लिरिक्स

    मालिक लेखा पूरा लेसी भजन लिरिक्स

    आनन्द के लुटे खजाने लिरिक्स

     

    Share This Post:
    WhatsApp Group Join Now
    Telegram Group Join Now

    Popular Bhajan Lyrics

    Stay Connected With Us