हँस हँस मिठा जग में बोलणाए | Chetawani Bhajan Lyrics in Hindi

    चेतावनी भजन

    • 15 Aug 2025
    • Admin
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    हँस हँस मिठा जग में बोलणाए | Chetawani Bhajan Lyrics in Hindi

    हस हस मीठो जग में बोलनो रे,
    हंसला फिर मिला ना आय।।



    अरे नदी रे किनारे रूकनो ओ,
    हंसला ए जद कदी करे है विलाप,
    अरे पेला जडसी पालना ओ,
    पेला जडसी पालना ओ,
    पचे जडो रे मुल सु जाय,
    मीठो मन बोलनो रे हंसला,
    फिर मिला न आय।।



    पान जडता बोलीया ओ,
    ए हंसला ए सुरत वाली बाण,
    अरे अबके बिछ्या न मिला ओ,
    अबके बिछ्या न मिला ओ,
    पुरब बुर पडाला जाय,
    मीठो जग में बोलनो रे,
    हंसला फिर मिला न आय।।



    अरे हंस आया हंसा रे खेत मे,
    ओ हंसला मूर्ख मारन जाय,
    अरे हंस आया हंसा रे खेत में,
    ओ हंसला अ मूर्ख मारन जाय,
    अरे सुन मूर्ख तू पावना ओ,
    अरे सुन मूर्ख तू पावना ओ,
    हंसो पर धन नही खाय,
    मीठो जग में बोलनो रे,
    हंसला फिर मिला न आय।।



    रत्न तनाई जल भरीयो ओ,
    ए हंसला जटे हंस राजा बैठा आय,
    अरे रत्न तनाई जल भरीयो ओ,
    ए हंसला जटे हंस राजा बैठा आय,
    अरे प्रीत पुरानी कारने ओ,
    प्रीत पुरानी कारने ओ,
    अरे चुग चुग कंक खाय,
    मीठो जग में बोलनो रे,
    हंसला फिर मिला न आय।।



    अरे हंस आया हंसा रे पावना ओ,
    ए हंसला किनरी करूँ मनवार,
    अरे लाला करू बिछावना रे,
    लाला करू बिछावना रे,
    अरे मोतीडा री मनवार,
    मीठो जग में बोलनो रे,
    हंसला फिर मिला न आय।।



    अरे चौपड़ ढाली ओ चोवटे रे,
    हंसला अरे खेले कोई संत सुजान,
    अरे चौपड ढाली ओ चोवटे रे,
    हंसला अरे खेले कोई संत सुजान,
    अरे कोई एक बाजी जीत गया ओ,
    अरे कोई कोई बाजी जीत गया ओ,
    ए बीरा कोई कोई गया रे हार,
    मीठो जग में बोलनो रे,
    हंसला फिर मिला न आय।।



    अरे गंगा से यमुना बडी ओ हंसला,
    अरे तिर्थ बडो है केदार,
    अरे गंगा से यमुना बडी ओ हंसला,
    तिर्थ बडो केदार,
    अरे बाबो डूंगरपुरी बोलीया ओ,
    अरे बाबो डूंगरपुरी बोलीया ओ,
    ए थारो वैकुण्ठा मे वेला वास,
    मीठो जग में बोलनो रे,
    हंसला फिर मिला न आय।।


    FAQs (Frequently Asked Questions)

    Q1: "हँस हँस मिठा जग में बोलणाए" का क्या अर्थ है?
    A: इसका अर्थ है — इंसान को इस दुनिया में हमेशा हँसते हुए, मधुर वाणी में बात करनी चाहिए, जिससे प्रेम और सम्मान बना रहे।


    Q2: यह भजन किस विषय पर आधारित है?
    A: यह भजन मानव मूल्यों, विनम्रता, मधुर व्यवहार, और भक्ति भावना पर आधारित है।


    Q3: क्या यह भजन बच्चों को सिखाने योग्य है?
    A: बिल्कुल। यह भजन बच्चों और बड़ों दोनों को जीवन में अच्छे व्यवहार और भक्ति का पाठ पढ़ाने के लिए उपयुक्त है।


    Q4: यह भजन किस भक्ति परंपरा से जुड़ा है?
    A: यह भजन संतमत, निर्गुण भक्ति, या लोक भक्ति परंपरा से संबंधित हो सकता है।


    Q5: इस भजन का भावार्थ क्या है?
    A: इसका भाव यह है कि संसार में मीठे बोल और प्रेमपूर्ण व्यवहार से ही सच्चा धर्म और भक्ति संभव है।


    Q6: क्या इसका कोई प्रसिद्ध गायक है?
    A: कई लोक भजन गायकों द्वारा यह भजन प्रस्तुत किया गया है, और यह भजन YouTube पर भी उपलब्ध है।


    Q7: क्या यह भजन सत्संग में गाया जा सकता है?
    A: हाँ, यह भजन अक्सर सत्संग, बाल संस्कार शिविर, और परिवारिक भक्ति आयोजनों में गाया जाता है।


     

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