Guru Purnima 2025: गुरु पूर्णिमा कब है और कैसे मनाएं

    आज का पंचांग

    • 9 Jul 2025
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    Guru Purnima 2025: गुरु पूर्णिमा कब है और कैसे मनाएं

    Guru Purnima 2025: इस बार गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई को मनाई जाएगी

    गुरु पूर्णिमा 2025 इस साल विशेष रूप से 10 जुलाई को मनाई जाएगी, क्योंकि इस दिन उदयातिथि पड़ने के कारण गुरु पूर्णिमा का पर्व 10 जुलाई को मनाना तय किया गया है। गुरु पूर्णिमा का पर्व हर साल हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है, खासकर इस दिन गुरु के प्रति श्रद्धा और आभार व्यक्त किया जाता है। इस बार गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई 2025 को अर्धरात्रि में 1:36 बजे शुरू होगी और अगले दिन 11 जुलाई को 2:06 बजे समाप्त होगी।


    गुरु पूर्णिमा का महत्व और तिथि:

    गुरु पूर्णिमा का दिन विशेष रूप से वेदव्यास जी की पूजा और उनके योगदान को सम्मानित करने का अवसर है। इस दिन हम अपने सभी गुरुजनों के प्रति आभार और श्रद्धा व्यक्त करते हैं, जो हमें ज्ञान और मार्गदर्शन देते हैं।

    गुरु पूर्णिमा 2025 की तिथि:

    • आरंभ: 10 जुलाई 2025, रात 1:36 बजे (अर्धरात्रि)

    • समाप्ति: 11 जुलाई 2025, रात 2:06 बजे

    यह तिथि उदयातिथि पड़ने के कारण इस वर्ष गुरु पूर्णिमा का पर्व 10 जुलाई को मनाया जाएगा। गुरु पूर्णिमा का महत्व खासतौर पर तब बढ़ जाता है जब हम जीवन में किसी मार्गदर्शक या गुरु से जुड़े होते हैं, जो हमें जीवन के सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।


    गुरु पूर्णिमा मनाने की विधि:

    गुरु पूर्णिमा के दिन निम्नलिखित विधियों से पूजा और सम्मान अर्पित करें:

    1. गुरु की पूजा:

    गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरु की पूजा करें। उन्हें फूल, दीपक, और मिठाइयां अर्पित करके उनके आशीर्वाद प्राप्त करें। यह दिन अपने गुरु के सामने श्रद्धा और आभार व्यक्त करने का सर्वोत्तम अवसर है।

    2. भजन और कीर्तन:

    गुरु पूर्णिमा के दिन भजन, कीर्तन और मंत्र जाप का आयोजन करें। यह दिन अध्यात्मिक उन्नति के लिए सर्वोत्तम होता है। यदि आप एक भक्ति गीत या सत्संग का आयोजन करते हैं तो यह दिन और भी पवित्र हो जाएगा।

    3. आध्यात्मिक ध्यान:

    गुरु पूर्णिमा के दिन ध्यान और साधना का विशेष महत्व है। यह दिन हमें मानसिक शांति और आत्मज्ञान की प्राप्ति का अवसर देता है। ध्यान करते समय गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करें और उन्हें धन्यवाद दें।

    4. उपहार देना:

    गुरु को उपहार देना भी गुरु पूर्णिमा का एक हिस्सा है। उपहार भेंट करने से गुरु के प्रति आपकी श्रद्धा और सम्मान प्रकट होता है। यह उपहार कुछ भी हो सकता है, जैसे किताबें, फल, या कोई अन्य चीज़ जो आपके गुरु को पसंद हो।


    गुरु पूर्णिमा का आध्यात्मिक दृष्टिकोण:

    गुरु का स्थान हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होता है। वे हमारे जीवन के सच्चे मार्गदर्शक होते हैं, जो हमें सही रास्ते पर चलने की दिशा दिखाते हैं। उनके बिना हम जीवन के कई पहलुओं को समझने में असमर्थ होते हैं। गुरु हमें न केवल शैक्षिक ज्ञान, बल्कि जीवन के गहरे और महत्वपूर्ण संस्कार भी प्रदान करते हैं।

    गुरु पूर्णिमा हमें यह याद दिलाती है कि बिना गुरु के, हम इस संसार में अपने कर्तव्यों और उद्देश्य को सही से नहीं समझ सकते। इस दिन हम अपने गुरु को धन्यवाद और आशीर्वाद के रूप में श्रद्धा अर्पित करते हैं।


    गुरु पूर्णिमा 2025 पर विशेष ध्यान देने योग्य बातें:

    1. आध्यात्मिक साधना: ध्यान, योग, और साधना इस दिन का विशेष हिस्सा हैं। अगर आप इस दिन को अपने जीवन में धार्मिक रूप से प्रभावी बनाना चाहते हैं, तो ध्यान और साधना करें।

    2. गुरु का सम्मान: यह दिन केवल पूजा और धार्मिक गतिविधियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक अवसर है जब हम अपने जीवन के उन सभी व्यक्तियों को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने हमें जीवन में मार्गदर्शन किया।

    3. सामाजिक कार्यक्रम: इस दिन सत्संग और कीर्तन का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें आप शामिल होकर अपने गुरु के प्रति श्रद्धा व्यक्त कर सकते हैं।


    FAQs ( Guru Purnima 2025: 10 जुलाई को अर्धरात्रि में शुरू ) :

    Q1: गुरु पूर्णिमा 2025 कब है?

    A1: गुरु पूर्णिमा 2025 इस साल 10 जुलाई को रात 1:36 बजे से शुरू होगी और 11 जुलाई को रात 2:06 बजे समाप्त होगी। यह पर्व उदयातिथि के कारण 10 जुलाई को मनाया जाएगा।

    Q2: गुरु पूर्णिमा का महत्व क्या है?

    A2: गुरु पूर्णिमा का दिन विशेष रूप से हमारे गुरुजनों के प्रति श्रद्धा और आभार व्यक्त करने का दिन है। यह दिन वेदव्यास जी की पूजा करने और उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है।

    Q3: गुरु पूर्णिमा कैसे मनाएं?

    A3: गुरु पूर्णिमा पर आप अपने गुरु की पूजा कर सकते हैं, उन्हें फूल अर्पित करें, दीप जलाएं, भजन और कीर्तन में भाग लें, और ध्यान और साधना का आयोजन करें।

    Q4: गुरु पूर्णिमा पर क्या विशेष ध्यान रखना चाहिए?

    A4: गुरु पूर्णिमा पर ध्यान और साधना का महत्व है। साथ ही, अपने गुरु को उपहार देने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना इस दिन का मुख्य उद्देश्य है।

    Q5: गुरु पूर्णिमा पर किस समय पूजा करना चाहिए?

    A5: गुरु पूर्णिमा का पूजा समय विशेष रूप से रात के समय होता है, क्योंकि इस दिन उदयातिथि पड़ने के कारण, यह पर्व अर्धरात्रि के समय शुरू होता है। पूजा के समय अपने गुरु के प्रति सम्मान व्यक्त करना चाहिए।

    निष्कर्ष:

    गुरु पूर्णिमा 2025 का पर्व 10 जुलाई को अर्धरात्रि 1:36 बजे से शुरू होकर 11 जुलाई को रात 2:06 बजे तक रहेगा। यह दिन हमारे गुरुजनों के प्रति आभार और सम्मान व्यक्त करने का महत्वपूर्ण अवसर है। इस दिन को हम गुरु की पूजा, भजन, कीर्तन, ध्यान, और साधना के माध्यम से खास बना सकते हैं। गुरु पूर्णिमा का पर्व हमें यह सिखाता है कि ज्ञान और मार्गदर्शन के बिना जीवन अधूरा है, और हमें हमेशा अपने गुरु के प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए।


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