आज का हिन्दू पंचांग (17 मई 2025) | भक्ति, भजन, व्रत पर्व, राशिफल, दोष निवारण और स्नान विधि

    आज का पंचांग

    • 16 May 2025
    • Admin
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    आज का हिन्दू पंचांग (17 मई 2025) | भक्ति, भजन, व्रत पर्व, राशिफल, दोष निवारण और स्नान विधि

    🌞 आज का हिन्दू पंचांग 🌞
    दिनांक: 17 मई 2025
    दिन: शनिवार
    विक्रम संवत्: 2082
    अयन: उत्तरायण
    ऋतु: ग्रीष्म
    मास: ज्येष्ठ
    पक्ष: कृष्ण
    तिथि: पञ्चमी प्रातः 05:57 मई 18 तक तत्पश्चात् षष्ठी
    नक्षत्र: पूर्वाषाढ़ा शाम 05:44 तक तत्पश्चात् उत्तराषाढा
    योग: साध्य प्रातः 07:09 तक तत्पश्चात् शुभ
    राहुकाल: सुबह 09:17 से सुबह 10:57 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)
    सूर्योदय: 05:58
    सूर्यास्त: 07:15 (अहमदाबाद मानक समयानुसार)
    दिशा शूल: पूर्व दिशा में
    ब्रह्ममुहूर्त: प्रातः 04:32 से प्रातः 05:15 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)
    अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:10 से दोपहर 01:03
    निशिता मुहूर्त: रात्रि 12:15 मई 18 से रात्रि 12:57 मई 18 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)
    विशेष: पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)


    💥 विशेष- पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
    💥 ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।' (ब्रह्म पुराण')
    💥 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय।' का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण')
    💥 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)
              🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

    🌷 चैन की नींद के लिए 🌷
    ☺ चैन की नींद न आती हो, तो सिरहाने की तरफ कर्पूर जलाकर "ॐ" का गुंजन करें l सुबह -शाम जलाने से वायु दोष दूर होगा, लक्ष्मी प्राप्ति होगी, बुरे सपने नहीं आयेंगे l

     

    1. शिश्नेन्द्रिय स्नान करें

    शौच और लघुशंका के समय ठंडे जल से शिश्नेन्द्रिय को धोने से स्वप्नदोष और कामवृत्ति का शमन होता है।

    2. उचित आसन और व्यायाम करें

    रोजाना व्यायाम और आसन करें। यह शरीर को स्वस्थ रखता है और मानसिक विकारों को दूर करता है।

    3. ब्रह्ममुहूर्त में उठें

    प्रातः 4-5 बजे के बीच ब्रह्ममुहूर्त में उठने से शरीर में ताजगी आती है और मानसिक शक्ति में वृद्धि होती है।

    4. दुर्व्यसनों से दूर रहें

    शराब, तम्बाकू, बीड़ी और अन्य नशीले पदार्थों से बचें, क्योंकि ये कामवासना को उत्तेजित करते हैं और शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाते हैं।

    8. सत्संग करें

    सत्संग से मन और विचार शुद्ध होते हैं। हमेशा अच्छे लोगों के साथ समय बिताएं और कुसंग से बचें।

    9. शुभ संकल्प करें

    दृढ़ संकल्प से जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है और वीर्यरक्षा में मदद मिलती है। विश्वास और श्रद्धा से संकल्पों को और मजबूत बनाएं।

    10. त्रिबन्धयुक्त प्राणायाम और योगाभ्यास करें

    त्रिबन्ध (मूलबन्ध, उड्डियानबन्ध, जालन्धरबन्ध) का अभ्यास करने से शरीर और मन दोनों पर नियंत्रण पाया जाता है और विकारों पर विजय मिलती है।

    11. स्त्री-जाति के प्रति मातृभाव रखें

    श्री रामकृष्ण परमहंस ने कहा था कि स्त्री को हमेशा देवी के रूप में देखें। इसे ध्यान में रखते हुए, स्त्री के प्रति सच्चे सम्मान और श्रद्धा का भाव रखें, जिससे कामवृत्ति पर नियंत्रण बना रहे।


    निष्कर्ष:
    हमारे शास्त्रों में जीवन को संयमित, संतुलित और अनुशासित रखने के लिए कई उपाय दिए गए हैं। यदि हम इन उपायों को अपने दैनिक जीवन में लागू करें, तो न केवल हमारी शारीरिक शक्ति बढ़ेगी, बल्कि मानसिक शांति और संतुलन भी बनेगा। ऐसे ही कई और जीवन-निर्माण के उपायों के लिए हमारे ब्लॉग को फॉलो करें।

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