आज का हिन्दू पंचांग - 20 मई 2025 | ज्येष्ठ माह की अष्टमी तिथि, व्रत पर्व, राहुकाल और विशेष महत्व

    आज का पंचांग

    • 19 May 2025
    • Admin
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    आज का हिन्दू पंचांग - 20 मई 2025 | ज्येष्ठ माह की अष्टमी तिथि, व्रत पर्व, राहुकाल और विशेष महत्व

    आज का हिन्दू पंचांग - 20 मई 2025 | ज्येष्ठ माह की अष्टमी तिथि, व्रत पर्व, राहुकाल और विशेष महत्व

    🌞 आज का हिन्दू पंचांग 🌞

    ⛅ दिनांक - 20 मई 2025
    ⛅ दिन - मंगलवार
    ⛅ विक्रम संवत् - 2082
    ⛅ अयन - उत्तरायण
    ⛅ ऋतु - ग्रीष्म
    ⛅ मास - ज्येष्ठ
    ⛅ पक्ष - कृष्ण
    ⛅ तिथि - अष्टमी प्रातः 04:55 मई 21 तक तत्पश्चात् नवमी
    ⛅ नक्षत्र - धनिष्ठा शाम 07:32 तक तत्पश्चात् शतभिषा
    ⛅ योग - इन्द्र रात्रि 02:50 मई 21 तक तत्पश्चात् वैधृति
    ⛅ राहुकाल - दोपहर 03:56 से शाम 05:36 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)
    ⛅ सूर्योदय - 05:57
    ⛅ सूर्यास्त - 07:16 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त अहमदाबाद मानक समयानुसार)
    ⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
    ⛅ ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:14 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)
    ⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:10 से 01:03 तक
    ⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 मई 21 से रात्रि 12:58 मई 21 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)

    व्रत पर्व विवरण:

    • मासिक कृष्ण जन्माष्टमी

    • कालाष्टमी

    विशेष:
    अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)


    🌞 वैदिक पंचांग 🌞

    🌤 दिनांक - 20 मई 2025
    🌤 दिन - मंगलवार
    🌤 विक्रम संवत - 2082
    🌤 शक संवत - 1947
    🌤 अयन - उत्तरायण
    🌤 ऋतु - ग्रीष्म ॠतु
    🌤 मास - ज्येष्ठ
    🌤 पक्ष - कृष्ण
    🌤 तिथि - अष्टमी 21 मई प्रातः 04:55 तक तत्पश्चात नवमी
    🌤 नक्षत्र - धनिष्ठा शाम 07:32 तक तत्पश्चात शतभिषा
    🌤 योग - इन्द्र 21 मई रात्रि 02:50 तक तत्पश्चात वैधृति
    🌤 राहुकाल - शाम 03:54 से शाम 05:33 तक
    🌤 सूर्योदय - 06:00
    🌤 सूर्यास्त - 07:10

    👉 दिशाशूल - उत्तर दिशा में
    🚩 व्रत पर्व विवरण - पंचक प्रारंभ सुबह 07:35 से अष्टमी क्षय तिथि
    💥 विशेष:
    अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)


    🌞 मसूढ़ों की सूझन 🌞
    😁 जामुन के वृक्ष की छाल के काढ़े से कुल्ले करने से दाँतों के मसूढ़ों की सूझन मिटती है और हिलते दाँत मजबूत होते हैं।
    🙏🏻 आरोग्यनिधि पुस्तक से


    🌞 वास्तु शास्त्र 🌞
    🏡 यदि घर में अक्सर तनाव की स्थिति बनी रहती है तो सफेद चंदन की बनी कोई भी मूर्ति ऐसे स्थान पर रखें, जहां से सभी सदस्यों की नजर उस पर पड़े। इससे पारिवारिक तनाव खत्म होगा और सदस्यों में आपसी विश्वास बढ़ेगा।


    🌞 डर लगता है तो 🌞
    😱 किसी को डर लगता हो तो, कोई अकेले नहीं सो पाते, कोई भूत पकड़ ले तो, ऐसे बहुत कारणों से डरते हैं। तो गुरुदेव को याद करके
    🌷 ॐ ॠषिकेशाय नम: ... ॐ ॠषिकेशाय नम: ... ॐ ॠषिकेशाय नम: यह जप करें। यह अग्निपुराण में अग्निदेव कहते हैं।


    🌹 ब्रह्मचर्य-पालन के नियम 🌹
    (ब्रह्मलीन ब्रह्मनिष्ठ स्वामी श्री लीलाशाहजी महाराज के प्रवचन से)

    ऋषियों का कथन है कि ब्रह्मचर्य ब्रह्म-परमात्मा के दर्शन का द्वार है, उसका पालन करना अत्यंत आवश्यक है। इसलिए यहाँ हम ब्रह्मचर्य-पालन के कुछ सरल नियमों एवं उपायों की चर्चा करेंगे:

    1. ब्रह्मचर्य तन से अधिक मन पर आधारित है। इसलिए मन को नियंत्रण में रखो और अपने सामने ऊँचे आदर्श रखो।

    2. आँख और कान मन के मुख्यमंत्री हैं। इसलिए गंदे चित्र व भद्दे दृश्य देखने तथा अभद्र बातें सुनने से सावधानी पूर्वक बचो।

    3. मन को सदैव कुछ-न-कुछ चाहिए। अवकाश में मन प्रायः मलिन हो जाता है। अतः शुभ कर्म करने में तत्पर रहो व भगवन्नाम-जप में लगे रहो।

    4. 'जैसा खाये अन्न, वैसा बने मन।' यह कहावत एकदम सत्य है। गरम मसाले, चटनियाँ, अधिक गरम भोजन तथा मांस, मछली, अंडे, चाय कॉफी, फास्टफूड आदि का सेवन बिल्कुल न करो।

    5. भोजन हल्का व चिकना स्निग्ध हो। रात का खाना सोने से कम-से-कम दो घंटे पहले खाओ।


    FAQs:

    Q1: आज के हिन्दू पंचांग के अनुसार कौन सी तिथि है?
    A1: आज की तिथि अष्टमी है, जो प्रातः 04:55 तक रहेगी, तत्पश्चात नवमी तिथि शुरू होगी।

    Q2: राहुकाल का समय क्या है?
    A2: राहुकाल का समय दोपहर 03:56 से शाम 05:36 तक रहेगा (अहमदाबाद मानक समयानुसार)।

    Q3: अष्टमी को नारियल का फल खाने से क्या होता है?
    A3: अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है, जैसा कि ब्रह्मवैवर्त पुराण में उल्लेखित है।

    Q4: आज के विशेष मुहूर्त कौन से हैं?
    A4: आज का अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:10 से 01:03 तक है।

    Q5: ब्रह्मचर्य पालन के नियम क्या हैं?
    A5: ब्रह्मचर्य पालन के कुछ प्रमुख नियमों में संयमित आहार, सही समय पर सोना, और मानसिक नियंत्रण शामिल हैं।


    Conclusion:

    आज का पंचांग और व्रत पर्व धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, और इनके पालन से हमारे जीवन में शांति और समृद्धि आ सकती है।


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