गोरखनाथ धुणों घाल्यो रे,अधर आकाशा माय रे भजन लिरिक्स
गोरखनाथ धुणों घाल्यो रे,अधर आकाशा माय रे भजन लिरिक्स ||
Gorakh Nath Dhuno Ghalyo Re Adhar Akasha Maay Bhajan Lyrics
गोरखनाथ धुणों घाल्यो रे
अधर आकाशा माय रे
रावलिया जोगी गुरु गोरखज्ञानी
पायो कोनी थारो कोई पार रे
काना म कुंडल रह्व चांदसा
झिलमिल – झिलमिल पलका खाय रे
रावलिया जोगी गुरु गोरखज्ञानी
पायो कोनी थारो कोई पार रे
भगवा तो बानो गोरख धारयो
सिंह शैलीडो गल बीच रे
रावलिया जोगी गुरु गोरखज्ञानी
पायो कोनी थारो कोई पार रे
पंत अगम योगी आपको
शिव जी का अवतार रे
रावलिया जोगी गुरु गोरखज्ञानी
पायो कोनी थारो कोई पार रे
धरती आकाशा नाग लोक में
तीनो लोका में थारो राज रे
रावलिया जोगी गुरु गोरखज्ञानी
पायो कोनी थारो कोई पार रे
बांछड़ा झुलाव गीगा पालने रे
अनड – अन दोनों नैना रे
रावलिया जोगी गुरु गोरखज्ञानी
पायो कोनी थारो कोई पार रे
काल जाल सब टालियो रे
भक्त मंडल तेरा गुण गाया रे
रावलिया जोगी गुरु गोरखज्ञानी
पायो कोनी थारो कोई पार रे
Bhakti Bhajan Dairy वेबसाइट पर
हम सभी देवी-देवताओं के आरती,
चालीसा, मंत्र तथा भजन लिखते हैं ।
यदि आपको किसी भजन की लिरिक्स चाहिए
या हमारे द्वारा लिखे हुए भजन लिरिक्स में कोई
त्रुटी हो तो सभी भक्तगणों विनती है की आप
हमें कमेंट / मेल (bhaktibhajandairy@gmail.com) करके बताए ताकि
हम त्रुटी सुधार सके, हम आपको नए भजन उपलब्ध करवायेगें ।
हमारे Whatsapp ग्रुप में अपना सुझाव देने के
लिए https://chat.whatsapp.com/LjugFlREEHE6O3gTnitubI ग्रुप को जॉइन करे |
Leave Message