छोड़ चला रे बंजारा, गठडी छोड़ चला बंजारा भजन लिरिक्स
छोड़ चला रे बंजारा, गठडी छोड़ चला बंजारा भजन लिरिक्स ||
Chhod Chala Re Banjara Gathadi Chhod Chala Banjara Bhajan Lyrics
छोड़ चला रे बंजारा,
गठडी छोड़ चला बंजारा।।
इस गठरी में चांद और सूरज,
इसमें नौ लख तारा,
गठडी छोड़ चला बंजारा।
छोड़ चला रें बंजारा,
गठडी छोड़ चला बंजारा।।
इस गठडी मे सात समुंदर,
कोई मीठा ने खारा,
गठडी छोड़ चला बंजारा।
छोड़ चला रें बंजारा,
गठडी छोड़ चला बंजारा।।
इस गठरी में नौबत बाजे,
अनहद का झंकारा,
गठडी छोड़ चला बंजारा।
छोड़ चला रें बंजारा,
गठडी छोड़ चला बंजारा।।
कहत कबीर सुनो भाई साधु,
कोई समझो समझन हारा,
गठडी छोड़ चला बंजारा।
छोड़ चला रें बंजारा,
गठडी छोड़ चला बंजारा।।
छोड़ चला रे बंजारा,
गठडी छोड़ चला बंजारा।।
प्रेषक – Ghanshyam Bagwan
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