बोलै नारी सुणो पियाजी द्वारका थे जाओ भजन लिरिक्स | Bhajan Lyrics in Hindi

    रति नाथ भजन

    • 22 Jun 2025
    • Admin
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    बोलै नारी सुणो पियाजी द्वारका थे जाओ भजन लिरिक्स | Bhajan Lyrics in Hindi
    बोलै नारी सुणो पियाजी, मानो म्हारी बात द्वारका थे जाओ। 
    थे जावो पिव, थे जावो, थे जावो, पिव थे जावो॥टेर॥
     
    माल उधारो मिलै नहीं पिव, मुश्किल दाणै दाणै की। 
    दोय वक्त मँ एक वक्त थारै बिद लागै है खाणै की॥
    मीठी निकलै भूख पिया, थारा दुर्बल हो गया गात-द्वारका थे जाओ॥1॥
     
    आन गरीबी आ घेरी, बरतण ना फूटी कौड़ी। 
    तन का वस्त्र फाट गया पिव, फाटेड़ी चादर ओडी॥
    सियां मरता फिरो, रात, दिन दे काखां मँ हाथ-द्वारका थे जाओ॥2।
     
    जाकर भेंट करो प्रभु सँ पिव, मन मँ काँई आँट करो। 
    अपने दिल की बात प्रभु सँ कहता काँई आँट करो।
    सारी बातां सामर्थ म्हारा देवर है बृजनाथ-द्वारका थे जाओ॥3॥
     
    मोहन कहे मत भूलो प्रभु नै याद करो च्यार घड़ी। 
    लख चौरासी फिर आई, या चौपड़ गन्दैस्यार पडी॥
    मोहन कहे या रीत प्रभु की दे दुर्बल नै साथ-द्वारका थे जाओ॥4॥

    FAQs (Frequently Asked Questions)

    Q1: "बोलै नारी सुणो पियाजी" भजन का भावार्थ क्या है?
    A: इस भजन में एक नारी अपने प्रिय से द्वारका जाने का आग्रह करती है, जो श्रीकृष्ण भक्ति और विरह भाव का प्रतीक है।

    Q2: यह भजन किस भाषा में है?
    A: यह भजन राजस्थानी और ब्रजभाषा के मिश्रण में है।

    Q3: यह भजन किसकी रचना है?
    A: यह एक पारंपरिक भजन है, जिसे संत कवियों या लोकगायकों ने भावपूर्वक प्रस्तुत किया है।

    Q4: इस भजन का मुख्य संदेश क्या है?
    A: यह भजन श्रीकृष्ण के प्रति प्रेम, समर्पण और द्वारका की ओर आध्यात्मिक यात्रा का प्रतीक है।

    Q5: इस भजन को कहां सुना जा सकता है?
    A: YouTube, Spotify, और अन्य भक्ति संगीत ऐप्स पर इसके कई संस्करण उपलब्ध हैं।

     

     
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