भजन बिना कोई न जागै रे, लगन बिना कोई न जागै रै लिखित भजन डायरी

    रति नाथ भजन

    • 18 Jul 2025
    • Admin
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    भजन बिना कोई न जागै रे, लगन बिना कोई न जागै रै लिखित भजन डायरी
    भजन बिना कोई न जागै रे, लगन बिना कोई न जागै रै।
    तेरा जनम जनम का पाप करेड़ा, रंग किस बिध लागे रै॥टेर॥

     

    संता की संगत करी कोनी भँवरा, भरम कैयाँ भागै रै।
    राम नाम की सार कोनी जाणै, बाताँ मे आगै रै ॥1॥

     

    या संसार काल वाली गीन्डी,टोरा लागे रै।
    गुरु गम चोट सही कोनी जावै, पगाँ ने लागे रै॥2॥

     

    सत सुमिरण का सैल बणाले, संता सागे रै।
    नार सुषमणा राड़ लडै जद, जमड़ा भागै रै॥3॥
     
    नाथ गुलाब सत संगत करले, संता सागे रै।
    भानीनाथ अरज कर गावै, सतगुराँजी के आगै रै ॥4॥
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