बाबाजी रति नाथजी के भजन लिरिक्स हिंदी लिखित में पीडीऍफ़
बलिहारी बलिहारी म्हारे सतगुरुवां ने बलिहारी भजन हिंदी लिरिक्स
बलिहारी बलिहारी म्हारे सतगुरुवां ने बलिहारी।
बन्धन काट किया जीव मुक्ता, और सब विपत बिड़ारी॥टेर॥
वाणी सुनत परस सुख उपज्या, दुर्मति गयी हमारी।
करम-भरम का संशय मेट्या, दिया कपाट उधारी॥1॥
माया, ब्रह्म भेद समझाया, सोंह लिया विचारी।
पूरण ब्रह्म कहे उर अंदर, काहे से देत विड़ारी॥2॥
मौं पर दया करो मेरा सतगुरु, अबके लिया उबारी।
भव सागर से डूबत तार्या, ऐसा पर उपकारी॥3॥
गुरु दादू के चरण कमल पर, रखू शीश उतारी।
और क्या ले आगे रखू, सुन्दर भेट तिहारी॥4॥
WhatsApp Group
Join Now
Telegram Group
Join Now
Post Your Comment