अब तो जाग मुसाफिर | भक्ति भजन लिरिक्स | आत्मजागरण भजन

    चेतावनी भजन

    • 24 Aug 2025
    • Admin
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    अब तो जाग मुसाफिर | भक्ति भजन लिरिक्स | आत्मजागरण भजन

    🌼 अब तो जाग मुसाफिर | भक्ति भजन लिरिक्स 🌸

    🕉️ "अब तो जाग मुसाफिर, जाग कैसे सो विस रे"
    यह भजन आत्मजागरण और ईश्वर की भक्ति का संदेश देता है। जीवन क्षणिक है और इसे व्यर्थ नहीं गवाना चाहिए। यह भजन हमें सत्संग, ध्यान और भगवान की भक्ति की ओर प्रेरित करता है। आइए इस अद्भुत भजन को पढ़ें और अपने जीवन को आध्यात्मिक प्रकाश में जागृत करें। 🙌✨

    🎶 भजन लिरिक्स:

    अब तो जाग मुसाफिर, जाग कैसे सो विस रे

    पहले तो माता के गर्भ में, सोया जो दस मास
    जगाया नहीं जगाने वाला था जब तेरे पास,
    जन्म इस का ही तिस रे तेरा, फिर क्यों होवे उदास।

     

    फिर सोया माता की गोद में जब रहा तू निठल्ला होस
    आप आगे लगे सूझाने, माता सोच थी कुछ सोस,
    तो भला तू मोहे सुनेगा, माता हारे तेरी रोस।

     

    फिर सोया तिरिया की ओट में, जीते थे वर्षों पल
    कभी बचपन का जाल तुझे व, अज्ञान तेरा छल,
    ध्यान विचार के काटे सोस, उमर ढल गई जल।

     

    पिता का सोचा मत कर, सब उमर निकल गई, सोते
    करे मृत्युशय्या के तले, सोते अब कई रातें
    अब कौन उठावे तुझे, कौन उठावे रात।

     

    🌟 जाग रे चित्त जागना अब जागन की बार
    🌿 फिर क्या जागे नलक अब सीधे हर द्वार


    🛕 गुरु भक्ति के बिना जीवन अधूरा 🙏

    गुरु हमारे मंदिर हैं, गुरु हमारे प्राण,
    सारे विश्व के दीपक हैं, जगत के भगवान।
    गुरु बिना ज्ञान नहीं, गुरु बिना है शून्य,
    जिसने भी माना ध्यान से, पाया भक्ति पुण्य।
    गुरु भक्ति जो करे, उसका होवे उद्धार,
    जय उपदेश है यह, दाता नारायण अवतार। 🌸

     

    Ab to jaag musafir, jaag kaise so vis re

    Pehle to mata ke garbh mein, soya jo das maas
    Jagaya nahi jagane wala tha jab tere paas,
    Janm is ka hi tis re tera, fir kyon hove udaas.

    Fir soya mata ki god mein jab raha tu nithalla hos
    Aap aage lage soojhane, mata soch thi kuchh sos,
    To bhala tu mohe sunega, mata haare teri ros.

    Fir soya tiriya ki ot mein, jeete the varshon pal
    Kabhi bachpan ka jaal tujhe v, agyan tera chal,
    Dhyan vichar ke kaate sos, umar dhal gayi jal.

    Pita ka socha mat kar, sab umar nikal gayi, sote
    Kare mrityushayya ke tale, sote ab kai raatein
    Ab kaun uthave tujhe, kaun uthave raat.

    Jaag re chitt jagna ab jagan ki baar
    Fir kya jaage nalak ab seedhe har dwar


    Guru hamare mandir hai, Guru hamare praan
    Saare vishva ke deepak hain, Jagat ke bhagwaan
    Guru bina gyaan nahi, Guru bina hai shunya
    Jisne bhi mana dhyan se, Paya bhakti punya
    Guru bhakti jo kare, Uska hove udhaar
    Jai Updesh hai yeh, Data Narayan avatar 🙏

     

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