काया (हंसला) के भजन संग्रह लिरिक्स
अब हम सत्संग की गम जानी भजन हिंदी लिरिक्स
WhatsApp Group
Join Now
सतसंग बाग़ लगाया
सत शब्द रा फूल खिले है ,
सोहम सुगंध समाया।
साधु भाई सतसंग बाग़ लगाया।
ह्रदय रूपी खेत बनाया ,
ज्ञान रा बीज बो आया।
श्रद्धा प्रेम रा नीर पिलाया ,
दिन दिन बढ़त सवाया।
साधु भाई सतसंग बाग़ लगाया। टेर। …
मन माली को राखिया रूखाळी ,
सुरता शब्द पिरोया।
काम क्रोध रा शत्रु मेटिया ,
निर्भय रा फल खाया।
साधु भाई सतसंग बाग़ लगाया। टेर। …
निश दिन आनंद होवे बाग़ में ,
गुरु गम झूला झुलाया।
सोऽहं सब्द रा लागे झकोला ,
हिर्दय आनंद पाया।
साधु भाई सतसंग बाग़ लगाया। टेर। …
गणपतरामजी तो सतगुरु मिलिया ,
साँचा बाग लगाया।
भीखाराम तो हुआ दीवाना ,
बागा में मौज मनाया।
साधु भाई सतसंग बाग़ लगाया। टेर। …
Telegram Group
Join Now
Leave Message