उदय मत होय सूरज मेरा भाई | हनुमान भजन के मधुर बोल

    प्रभाती भजन

    • 13 Jun 2025
    • Admin
    • 481 Views
    उदय मत होय सूरज मेरा भाई | हनुमान भजन के मधुर बोल

    सूरज जी मेरा भाई उदय ना होई

    राग भैरव बहुत सुंदर भजन 

    प्रभाती भजन

    उदय मत होय सूरज मेरा भाई ।। टेर ।।

    उदय मत होय सूरज मेरा भाई
    लक्ष्मण भाई मुर्छा आई 
    दोय घड़ी तु मोडो उगज्ये बचल्यु मेरा भाई रे 
    उदय मत होय सूरज मेरा भाई रे ।। टेर ।।

    कह कासीब सुत सुनो पवन सुत 
    लनै को नाई दोय घड़ी म पहल्या उगस्यु , 
    मरो चाहे लक्ष्मण भाई रे ।
    उदय मत होय सूरज मेरा भाई ।। टेर ।।

    कह पवन सुत, सुन कासिब सुत, इतनों क्यु गरबायो
    रथ समेत तन मुख में मेलु, द्रोणागिरी देख पहुंचाई रे
    पर्वत लार धरयो धरती पर, हर्ष घणोरे छाई
    तुलसीदास आस रघुवर की, उठ मिल्या दोन्यु भाई रे
    उदय मत होय सूरज मेरा भाई ।। टेर ।।

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