जाहरवीर गोगाजी चालीसा – इतिहास, भक्ति और संपूर्ण चालीसा लिरिक्स
प्रकाशित: 21 Jun, 2025
गंगा भजन - प्रभाती राग के भजन लिरिक्स
क्यो गरब करे मन मूरख तु || टेर ||
क्यो गरब करे मन मूरख तु,
जग छोङ के एक दिन जाना है,
करले कुछ सुकृत जीवन मे,
ये दुनिया मुसाफिर खाना है,
क्यो गरब करे मन मूरख तु || टेर ||
पांच तत्व का बना पींजरा,
जिसमे एक पंछी बेठा ,
हरदम लग रहा आना जाना,
कभी किसी ने नही देखा ,
क्यो गरब करे मन मूरख तु || टेर ||
इस तन को मल-मल कर धोया,
साबुन ओर तेल लगाकर के,
पर मन का मेल नही धोया कभी,
राम का नाम जंपा कर के,
क्यो गरब करे मन मूरख तु || टेर ||
पत्थर चुनकर महल बनाया,
दो दिन का ठोर ठिकाना है,
उठ जाएगी डोली तेरी,
आखिर शमसान ठीकाना है ,
क्यो गरब करे मन मूरख तु || टेर ||
शुभ कर्म करे तो चमन खिले,
वरना जीवन वीराना है,
कहे सदानन्द दुनियां वालो,
फिर आखिर मे पछताना है
क्यो गरब करे मन मूरख तु || टेर ||
रचनाकार:- स्वामी सदानन्द जोधपुर
Q1. 'क्यों गरब करे मन मूरख तू' भजन का क्या संदेश है?
उत्तर: यह भजन अहंकार त्यागने और जीवन को गंगा माँ की कृपा से शुद्ध करने की प्रेरणा देता है।
Q2. यह भजन किस देवता या देवी को समर्पित है?
उत्तर: यह भजन माँ गंगा को समर्पित है, जो सनातन धर्म में मोक्षदायिनी और पाप हरने वाली मानी जाती हैं।
Q3. इस भजन को कब गाया जाता है?
उत्तर: यह भजन आमतौर पर गंगा दशहरा, गंगा सप्तमी, हरिद्वार स्नान, या सामान्य भक्ति कार्यक्रमों में गाया जाता है।
Q4. क्या इस भजन में आध्यात्मिक गहराई है?
उत्तर: हां, यह भजन आत्मज्ञान, विनम्रता और माया के बंधनों से मुक्त होने का आध्यात्मिक संदेश देता है।
Q5. क्या यह भजन यूट्यूब पर उपलब्ध है?
उत्तर: हां, इस भजन के कई वर्जन भिन्न-भिन्न भजन गायकों द्वारा यूट्यूब पर गाए गए हैं, जैसे कि अनूप जलोटा, हंसराज रघुवंशी, आदि।
प्रकाशित: 21 Jun, 2025
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