जय हो बाबा विश्वनाथ भजन लिरिक्स | Jai Ho Baba Vishwanath Lyrics
प्रकाशित: 16 Jul, 2025
थे तो पलक उघाड़ो दीनानाथ,
सेवा में दासी कब से खड़ी।।
साजन दुसमण होय बैठ्या,
लागू सबने कड़ी,
आप बिना मेरो कुन धणी है,
नाव समंद में पड़ी,
सेवा में दासी कब से खड़ी,
थें तो पलक उघाड़ो दीनानाथ,
सेवा में दासी कब से खड़ी।।
दिन नहिं चैण रैण नहिं निदरा,
सूखूँ खड़ी खड़ी,
मैं तो थांको लियो आसरो,
नाव मुण्डक में खड़ी,
सेवा में दासी कब से खड़ी,
थें तो पलक उघाड़ो दीनानाथ,
सेवा में दासी कब से खड़ी।।
पत्थर की तो अहिल्या तारी,
बन के बीच पड़ी,
कहा बोझ मीरा में कहिये,
सौ पर एक धड़ी,
सेवा में दासी कब से खड़ी,
थें तो पलक उघाड़ो दीनानाथ,
सेवा में दासी कब से खड़ी।।
थे तो पलक उघाड़ो दीनानाथ,
सेवा में दासी कब से खड़ी।।
Singer – Lala Ram Ji Saini
प्रेषक – विशाल वशिष्ठ जी
Q1: थे तो पलक उघाड़ो दीनानाथ भजन किसने लिखा है?
A1: यह एक पारंपरिक भक्ति भजन है, जिसके लेखक की जानकारी स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह संत परंपरा से संबंधित माना जाता है।
Q2: यह भजन किसके लिए गाया जाता है?
A2: यह भजन भगवान श्रीकृष्ण या किसी भी रूप में दीनानाथ (ईश्वर) को समर्पित किया जाता है।
Q3: यह भजन किस भाषा में है?
A3: यह भजन हिंदी में है।
Q4: थे तो पलक उघाड़ो दीनानाथ भजन कहाँ सुना जा सकता है?
A4: यह भजन YouTube, Spotify, JioSaavn जैसे म्यूजिक प्लेटफार्म पर उपलब्ध है।
Q5: इस भजन का भावार्थ क्या है?
A5: इस भजन में भक्त अपने प्रभु से विनती कर रहा है कि वह अपनी कृपा दृष्टि से उसे दर्शन दें, क्योंकि वह बहुत समय से सेवा में खड़ा है।
प्रकाशित: 16 Jul, 2025
प्रकाशित: 16 Jul, 2025
प्रकाशित: 16 Jul, 2025
प्रकाशित: 16 Jul, 2025
प्रकाशित: 16 Jul, 2025
प्रकाशित: 16 Jul, 2025
प्रकाशित: 16 Jul, 2025
प्रकाशित: 16 Jul, 2025
प्रकाशित: 16 Jul, 2025
प्रकाशित: 16 Jul, 2025
प्रकाशित: 16 Jul, 2025
प्रकाशित: 16 Jul, 2025
प्रकाशित: 16 Jul, 2025
प्रकाशित: 16 Jul, 2025
Leave Message