सांगलिया धूणि बाबा खींवादास के पुराने भजन लिरिक्स लिखित में

सांगलिया की बहार है, सारी दुनिया लार है भजन लिरिक्स

सांगलिया की बहार है, सारी दुनिया लार है भजन लिरिक्स

सांगलिया की बहार है, सारी दुनिया लार है भजन लिरिक्स | Sangliya Ki Bahar Hai Sari Duniya Laar Hai Bhajan Lyrics

 

दोहा – सतगुरु दीन दयाल हो,
सब देवो का देव,
दास जान दया करो,
दीज्यो केवल भेव।
दिज्यो केवल भेव,
सेव नित करा तुम्हारी,
खीव कहे कर जोड़,
लाज गुरु रखना मेरी।


सांगलिया की बहार है,
सारी दुनिया लार है,
आजा रे मतवाला जोगी,
तेरा इंतज़ार है।।


सारी दुनिया हिल मिल स्वामी,
तेरा ध्यान लगाए है,
तेरा ध्यान लगाए है,
दरसन री बलहारी दाता,
बनी बनाई तैयार है,
सागलिया की बहार है,
सारी दुनिया लार है।।


सांगलिया सकलाई साची,
अजब रंगीली धार है,
भाई अजब रंगीली धार है,
मेला भरीजे भरपूर यहां पर,
संतो का दरबार है,
भाई संतो दरबार है,
सागलिया की बहार है,
सारी दुनिया लार है।।


दादर मोर पपिया बोले,
कोयल बड़ी सुप्यार है,
भाई कोयल बड़ी सु प्यार है,
आवत जावत नर नारी भाई,
बोले जय जय कार है,
भाई बोले जय जय कार है,
सागलिया की बहार है,
सारी दुनिया लार है।।


लादुदास मिल्या गुरु सायब,
डूबत लिया उबार है,
भाई डूबत लिया उबार है,
ख़ीव करे चरणों की सेवा,
करजो नैया पार है,
भाई करजो नैया पार है,
सागलिया की बहार है,
सारी दुनिया लार है।।


सांगलिया की बहार हैं,
सारी दुनिया लार है,
आजा रे मतवाला जोगी,
तेरा इंतज़ार है।।


प्रेषक – कार्तिक जनागल।

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