सांगलिया धूणि बाबा खींवादास के पुराने भजन लिरिक्स लिखित में

धर ले गुरु मूर्ति का ध्‍यान, हो जावे जीव का कल्‍याण भजन लिरिक्स

धर ले गुरु मूर्ति का ध्‍यान, हो जावे जीव का कल्‍याण भजन लिरिक्स

धर ले गुरु मूर्ति का ध्‍यान, हो जावे जीव का कल्‍याण भजन लिरिक्स |

Dhar Le Guru Murti Ka Dhyan Ho Jave Ka Kalyaan Bhajan Lyrics

 

धर ले गुरु मूर्ति का ध्‍यान, हो जावे जीव का कल्‍याण।

गुरु बिना भेद कोई नहीं पावे, सारे भटक भटक मर जावे।
फिर के लख चौरासी में आवे, जिनको मिला नहीं गुरू ज्ञान॥1॥

सतगुरु सूता जीव जगावे, भूल्‍यां ने राह बतावे।
सत् चित आनन्‍द रूप लखावे, मन के मेटे खेचाताण॥2॥

सतगुरु सत्‍य लोक का वासी, जिणके नहीं काल की फाँसी।
उनके मुक्‍ती रहती दासी, वो है पार बहृमा भगवान॥3॥

जय-जय लादूदास गुरुदेव, निशदिन करां चरणां की सेव।
खींवा पाया केवल भेव, करके तन-मन-धन कुर्बान॥4॥

 

Singer :- Shree OM Das Ji Maharaj

 

 

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