मंगल भवन अमंगल हारी द्रबहु सुदसरथ अचर बिहारी हिंदी भजन लिरिक्स

    श्री राम भजन

    • 5 Jul 2025
    • Admin
    • 1550 Views
    मंगल भवन अमंगल हारी द्रबहु सुदसरथ अचर बिहारी हिंदी भजन लिरिक्स

    मंगल भवन अमंगल हारी द्रबहु सुदसरथ अचर बिहारी हिंदी भजन लिरिक्स

    मंगल भवन अमंगल हारी
    द्रबहु सुदसरथ अचर बिहारी
    राम सिया राम सिया राम जय जय राम


    हो, होइहै वही जो राम रचि राखा
    को करे तरफ़ बढ़ाए साखा

    हो, धीरज धरम मित्र अरु नारी
    आपद काल परखिये चारी

    हो, जेहिके जेहि पर सत्य सनेहू
    सो तेहि मिलय न कछु सन्देहू

    हो, जाकी रही भावना जैसी
    रघु मूरति देखी तिन तैसी

    रघुकुल रीत सदा चली आई
    प्राण जाए पर वचन न जाई
    राम सिया राम सिया राम जय जय राम

    हो, हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता
    कहहि सुनहि बहुविधि सब संता
    राम सिया राम सिया राम जय जय राम

    मंगल भवन अमंगल हारी
    द्रबहु सुदसरथ अचर बिहारी
    राम सिया राम सिया राम जय जय राम

    Share This Post:
    WhatsApp Group Join Now
    Telegram Group Join Now

    Popular Bhajan Lyrics

    Stay Connected With Us