राम भजन लिरिक्स हिंदी लिखित में पीडीऍफ़
मंगल भवन अमंगल हारी द्रबहु सुदसरथ अचर बिहारी हिंदी भजन लिरिक्स
मंगल भवन अमंगल हारी द्रबहु सुदसरथ अचर बिहारी हिंदी भजन लिरिक्स
मंगल भवन अमंगल हारी
द्रबहु सुदसरथ अचर बिहारी
राम सिया राम सिया राम जय जय राम
हो, होइहै वही जो राम रचि राखा
को करे तरफ़ बढ़ाए साखा
हो, धीरज धरम मित्र अरु नारी
आपद काल परखिये चारी
हो, जेहिके जेहि पर सत्य सनेहू
सो तेहि मिलय न कछु सन्देहू
हो, जाकी रही भावना जैसी
रघु मूरति देखी तिन तैसी
रघुकुल रीत सदा चली आई
प्राण जाए पर वचन न जाई
राम सिया राम सिया राम जय जय राम
हो, हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता
कहहि सुनहि बहुविधि सब संता
राम सिया राम सिया राम जय जय राम
मंगल भवन अमंगल हारी
द्रबहु सुदसरथ अचर बिहारी
राम सिया राम सिया राम जय जय राम
सम्पर्क करने के लिए आप किसी भी समय इस व्हाट्सएप्प चैनल पर संदेश भेज सकते है|
Join Chat
WhatsApp Group
Join Now
Telegram Group
Join Now
Leave Message