काया (हंसला) के भजन संग्रह लिरिक्स
मालिक लेखा पूरा लेसी , फर्क चले ना राई का भजन हिंदी लिरिक्स
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मालिक लेखा पूरा लेसी , फर्क चले ना राई का।
मनक जमारो युही मत खोवे ,करले काम भलाई का। मालिक लेखा। ….
गर्भवास में कोल किया था , नाम लिया भगताई का।
बाहर आके भूल गया तू , रोक्या ना जाल ठगाई का।
मालिक लेखा। ….
मारे जीव दया नहीं आवे , कर रहा काम कसाई का।
कर्ज ने देखो कैया चुकासी , रस्ता लिया बुराई का।
मालिक लेखा। ….
भीतर बाहर करेगा झगड़ा , जोर चले ना राई का।
अंत समय तेरी पोल खुलेगी , देख मजा चपटाई का।
मालिक लेखा। ….
रात अँधेरी अलगा जाना , उचा पहाड़ चढाई का।
गेला खर्ची सागे लेलो , मारग है गरड़ाई का।
मालिक लेखा। ….
राम दास गुरु पूरा मिलिया , हरी का भक्त सदाई का।
चंद्र प्रकाश यु कथ गावे , नाम रटो रघुराई का।
मालिक लेखा। ….
मालिक लेखा पूरा लेसी , फर्क चले ना राई का।
मनक जमारो युही मत खोवे , करले काम भलाई का।
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