गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि लिरिक्स
प्रकाशित: 16 Apr, 2025
Read Moreकरो हरि का भजन प्यारे,
उमरिया बीती जाती है।।
तर्ज – दशा मुझे दीन की।
पूरब शुभ कर्म कर आया,
मनुष तन धरणी पे पाया,
फिरे विषयो से भरमाया,
मौत याद नहीं आती है,
करो हरि का भजन प्यारें,
उमरिया बीती जाती है।।
बालकपन खेल में खोया,
जवानी काम बस होया,
बुढ़ापा खाट पर सोया,
आस मन को सताती है,
करो हरि का भजन प्यारें,
उमरिया बीती जाती है।।
कुटुंब परिवार सूत दारा,
स्वप्न सम देख जग सारा,
माया का जाल विस्तारा,
नहीं ये संग जाती है,
करो हरि का भजन प्यारें,
उमरिया बीती जाती है।।
जो हरि के चरण चित लावे,
वो भवसागर से तीर जावे,
‘ब्रह्मानंद’ मोक्ष पद पावे,
वेद वानी सुनाती है,
करो हरि का भजन प्यारें,
उमरिया बीती जाती है।।
करो हरि का भजन प्यारे,
उमरिया बीती जाती है।।
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