Hindwa Suraj Maharana Pratap: हिंदवा सूरज महाराणा प्रताप। अमर शौर्य गाथा लिखित में

    Bhakti Bhajan Diary In Hinid Lyrics

    • 10 May 2025
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    Hindwa Suraj Maharana Pratap: हिंदवा सूरज महाराणा प्रताप। अमर शौर्य गाथा लिखित में

    Hindwa Suraj Maharana Pratap: हिंदवा सूरज महाराणा प्रताप। अमर शौर्य गाथा लिखित में

    दोहा :-
    आडावल ज्यूँ रयो अडिग,बण साचो हिन्दवाण।
    धन सूरै प्रताप नै,धन मेवाड़ी राण।।

    हमै सुरसत माँ आखर अरपा,
    इक छंद नयो बणावां ला।
    मेवाड रत्न हिन्दपत राणा,
    प्रताप री गाथा गावां ला।1।

     राणा उदयसिंघ घर जायो,
    माँ जयवंत गोद खिलायो हो।
    होयो जोर जबर जोधा तगड़ो,
    महाराणा वो कहलायो हो।2।

    आजादी रा हा रखवाळा,
    जिण हार कदै भी ना मानी।
    दुसमण नै धूल चटा सद ही,
    कहलायो साचो हिन्दवाणी।3।

    अकबर घण जोर जबर किन्हो,
    पण जीत नहीं वो पायो हो।
    राणा कर भीम बज्र छाती,
    मुगलों रै सांमी आयो हो।4।

    अकबर भी सूत्यो नींदा मं,
    रातयूं उठ उठकर जागै हो।
    कदै सिर पर ही ना आ धमकै,
    राणा रो डर यों लागै हो।5।

    सेजा सूं नीचे पड़ ज्यातो,
    जद नींद रो झपको आतो हो।
    हो राणा रो इतरो खौफ घणो,
    सुख नींद नहीं सो पातो हो।6।

    जद जद भी अकबर ले सेना,.
    मेवाड पै चढ़नै आयो हो।
    राणा हरबार है खूब लड्यो,
    रजपूती रंग दिखायो हो।7।

    हरबार दिन्ही जबरी टककर,
    परचम हिंदवा लहरयो हो।
    बण जोर घणो करियो अकबर,
    राणा सूं जीत नीं पायो हो।8।

    हारयो वो हरबार सदा,
    मेवाड़ी सूरां रै सांमी।
    जयमल पत्ता राठौड़ कल्ला,
    राणा रा योद्धा हा नांमी।9।

    जद भी किन्हो अकबर हमलो,
    सूरां समसीर बजाई ही।
    रजपूती सेना अकबर नै,
    रणभूमि धूल चटाई ही।10।

    वो लड़तो हो सद घात लगा,
    राणा जी लड़तो सं छाती।
    हिन्दवन नियम रा पक्का हा,
    वो दिन देख तो ना राती।11।

    फिर भी वो जीत नहीं पायो,
    मेवाड़ी हिंदवा सूरज नै।
    वो राज दबावण नै लड़तो,
    अ लड़ता धर्म बचावण नै।12।

    सुण एकलिंग रा जयकारा,
    अकबर री फौजां डरगी ही।
    सद साय रयी माँ बिरवड़ जी,
    रणचंडी रण मं फिरगी ही।13।

    हल्दी घाटी मं समर हुयौ,
    राणा घण जोर जबर लड़ियों।
    हो चेतक उणरो घोड़ो तो,
    हाथ्यां री फौजां जा भिडियो।14।

    बहलोल खांन आयो सांमी,
    राणा तलवार चलाई ही।
    घोड़े संग टुकड़ा दोय किया,
    लोयां(लहू)री नदी बहाई ही।15।

    हल्दी घाटी भी लोही सूं,
    पीली स्यूँ लाल रंग होयी ही।
    नरमुंडयां रा है ढेर लग्या,
    पांचाली ज्यूँ सिर धोयी ही।16।

    राणा पूंजा भी जोर लड्यो,
    ले तीर भील भी सागै हा।
    घणघोर मचायो राटक फिर,
    मुगला तो डर डर भागै हा।17।

    आजादी रा मतवाळा ऐ ,
    हा धर्म सनातन रखवाळा।
    भालो जद जद भी भळकाता,
    चल पड़ता रगतां रा खाळा।18।

    इण देस धर्म हित खातिर जिण,
    जीवन अपणा बलिदान किया।
    सब नमन करै इण सूरै नै,
    धरती पर अमर नाम रिया।19।

    राणा प्रताप रा रणकारा,
    अब भी कण कण मं गूंजै है।
    हल्दी घाटी री माटी मं,
    अब तक जयकार सुणिजै है।20।

    राणा प्रताप री अमर कथा,
    आ लिखी अजय सिकरोड़ी नै।
    रतनू लीला समझाय रैयी,
    थै राखो मूंछ मरोड़ी नै।21।

    जयमल कल्ला बण चत्रुभुज,
    अमर धरा पूजवाय रैया।
    राणा अर उणरै घोड़े रो,
    अजर अमर सद नाम रैया।22।💪

    रचना:-👇✍️
    @ठा. अजयसिंघ राठौड़ सिकरोड़ी कृत 💪

     

     

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