Man Ki Tarng Maar Bhajan Lyrics - मन की तरंग मार लो, बस हो गया लिरिक्स
प्रकाशित: 15 May, 2025
हरि तुम हरो जन की पीर हिंदी भजन लिरिक्स
हरि तुम हरो जन की पीर,
द्रोपदी की लाज राखी तुरत बढ़ायो चीर।
1. भगत कारण रूप नरहरि धरयो आप शरीर,
हिरण्याकुश मारि लीन्हों धरयो नाहिन धीर।
2. बूड़तो गजराज राख्यो कियौ बाहर नीर,
दासी मीरा लाल गिरधर चरण कँवल पर सीर।
प्रकाशित: 15 May, 2025
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