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    Shiv Bhajan Sangrh Lyrics In Hindi

    दयो वरदान मुझे भक्ती का जागो शंकर बम लहरी भजन लिरिक्स

    दयो वरदान मुझे भक्ती का जागो शंकर बम लहरी भजन लिरिक्स
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    द्यो वरदान मुझे भक्ति का, जागो शंकर बम लहरी |
    अन्न धन का भण्डार खोल दे , सेवा करा मालिक थारी ||


    अंग वभुती ललाट चन्द्रमा, मुंडीयन कि माला पहरी |
    बासुकी नाग गले बिच टूले, शीश जटा गंगा बह री || १ ||


    गांजा सुल्फा आक धतुरा, नशा करे शंकर जहरी |
    अमल तम्बाकू भांग छूतरा, प्याय रही गौरा प्यारी || २ ||


    भक्ति से वरदान ले लियो, तपस्या जाय करी गहरी |
    भष्मी कड़ो दियो दानव ने, शिव के गेल हुयो बेरी || ३ ||


    आगे शंकर लेरा दानो, देणे लग्या खंड के फेरी |
    गिरिजा रूप धरयो विष्णु ने , दाने कि करदी ढेरी || ४ ||


    दस शीष रावण ने बक्श्या, बीस भूजा हस्ती गहरी |
    विजयी का वरदान पायके, राम तणी सीता ने हरी || ५ ||


    काशी चेला शिवशंकर का, पार करो उनकी बेरी |
    पलक उघाड़ो अन्तर्यामी , सुवरण का पासा गेरी ||६||


    झिलळ झिलळ वालो कुम्भलावे, आवण कि मत कर देरी |
    रामजीलाल बिडद बखाने, सुन भोला करुणा मेरी || ७ ||

     

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