दर्शन दो घनश्यादर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे | Bhajan Lyrics in Hindi

    Top 100 Krishna Bhajan Lyrics in Hindi

    • 19 Jun 2025
    • Admin
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    दर्शन दो घनश्यादर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे | Bhajan Lyrics in Hindi

    दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे |
    मन मंदिर की जोत जगा दो, घाट घाट वासी रे ||

    मंदिर मंदिर मूरत तेरी, फिर भी न दीखे सूरत तेरी |
    युग बीते ना आई मिलन की पूरनमासी रे ||

    द्वार दया का जब तू खोले, पंचम सुर में गूंगा बोले |
    अंधा देखे लंगड़ा चल कर पँहुचे काशी रे ||

    पानी पी कर प्यास बुझाऊँ, नैनन को कैसे समजाऊँ |
    आँख मिचौली छोड़ो अब तो मन के वासी रे ||

    निबर्ल के बल धन निधर्न के, तुम रखवाले भक्त जनों के |
    तेरे भजन में सब सुख़ पाऊं, मिटे उदासी रे ||

    नाम जपे पर तुझे ना जाने, उनको भी तू अपना माने |
    तेरी दया का अंत नहीं है, हे दुःख नाशी रे ||

    आज फैसला तेरे द्वार पर, मेरी जीत है तेरी हार पर |
    हर जीत है तेरी मैं तो, चरण उपासी रे ||

    द्वार खडा कब से मतवाला, मांगे तुम से हार तुम्हारी |
    नरसी की ये बिनती सुनलो, भक्त विलासी रे ||

    लाज ना लुट जाए प्रभु तेरी, नाथ करो ना दया में देरी |
    तिन लोक छोड़ कर आओ, गंगा निवासी रे ||

     


    🙏 अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs) 🙏

    ❓ 1. भजन "दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी" किसने लिखा है?

    उत्तर: यह एक पारंपरिक भक्तिमय भजन है, जो किसी एक लेखक से जुड़ा नहीं है। इसे कई लोग मीरा बाई की शैली में मानते हैं, लेकिन इसका सही रचनाकार अज्ञात है।


    ❓ 2. यह भजन किस भगवान की स्तुति करता है?

    उत्तर: यह भजन भगवान श्रीकृष्ण (घनश्याम) को समर्पित है और उनके दर्शन की तड़प को व्यक्त करता है।


    ❓ 3. भजन "अँखियाँ प्यासी रे" का भावार्थ क्या है?

    उत्तर: इसमें एक भक्त अपने आराध्य श्रीकृष्ण से कहता है कि उसकी आँखें दर्शन के लिए प्यासी हैं। बिना दर्शन के जीवन में कोई रस नहीं है।


    ❓ 4. क्या यह भजन किसी फ़िल्म में भी आया है?

    उत्तर: हाँ, यह भजन फिल्म "नरसी भगत" (1957) में बहुत प्रसिद्ध हुआ था। इसे मन्ना डे ने गाया था और आज भी यह बहुत लोकप्रिय है।


    ❓ 5. क्या इस भजन को किसी विशेष अवसर पर गाया जाता है?

    उत्तर: यह भजन आमतौर पर भजन संध्या, कृष्ण जन्माष्टमी, या व्यक्तिगत भक्ति साधना के समय गाया जाता है।


     

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