गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि लिरिक्स
प्रकाशित: 16 Apr, 2025
Read Moreचदरिया झीनी रे झीनी हिंदी भजन लिरिक्स
दोहा:
कबीरा जब हम पैदा हुए,
जग हँसे हम रोये,
ऐसी करनी कर चलो,
हम हँसे जग रोये।
चदरिया झीनी रे झीनी,
राम नाम रस भीनी,
चदरीया झीनी रे झीनी ॥
अष्ट कमल का चरखा बनाया,
पांच तत्व की पूनी,
नौ दस मास बुनन को लागे,
मूरख मैली किनी,
चदरीया झीनी रे झीनी,
राम नाम रस भीनी,
चदरीया झीनी रे झीनी ॥
जब मोरी चादर बन घर आई,
रंगरेज को दिनी,
ऐसा रंग रंगा रंगरे ने,
के लालो लाल कर दिनी,
चदरीया झीनी रे झीनी,
राम नाम रस भीनी,
चदरीया झीनी रे झीनी ॥
चादर ओढ़ शंका मत करियो,
ये दो दिन तुमको दिनी,
मूरख लोग भेद नहीं जाने,
दिन दिन मैली किनी,
चदरीया झीनी रे झीनी,
राम नाम रस भीनी,
चदरीया झीनी रे झीनी ॥
ध्रुव प्रहलाद सुदामा ने ओढ़ी,
शुकदेव ने निर्मल किनी,
दास कबीर ने ऐसी ओढ़ी,
ज्यो की त्यों धर दिनी,
चदरीया झीनी रे झीनी,
राम नाम रस भीनी,
चदरीया झीनी रे झीनी ॥
चदरीया झीनी रे झीनी,
राम नाम रस भीनी,
चदरीया झीनी रे झीनी ॥
Post Your Comment