भोर भई बैठा होज्या ओ: प्रभाती राग में लोकप्रिय भजन के लिरिक्स

    पुराने देसी वाणी - प्रभाती राग के भजन

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    भोर भई बैठा होज्या ओ: प्रभाती राग में लोकप्रिय भजन के लिरिक्स

    प्रभाती भजन: भोर भई – जागो मुसाफिर, भर लो ज्ञान

    भोर भई एक सुंदर और प्रभावशाली प्रभाती भजन है, जिसे रामेश्वर जी सुजानगढ ने गाया है। यह भजन जागरूकता, आध्यात्मिकता और प्रभात की शुरुआत में भगवान की स्तुति के लिए गाया जाता है। भजन के बोल सरल और प्रभावशाली हैं, जो मन को शांति और ऊर्जा से भर देते हैं।


    भोर भई – प्रभाती भजन के बोल


    जाग मुसाफिर बावरे ज्ञान भरोसे आप को उठ भई ना 

    झाडू दे तपस्वी तुम सुतार यह लगे ज्ञान घड़ी घड़ी

     

    भोर भई बैठा होज्या ओ।
    सूता पड़या सो  दंल्ग बीच ।। टेर ।।


     आ उठ संवारी कांडों बवारी।
    लक्ष्मी माता आन खड़ी।
    कंचन धरती पर पगल्या धरती ।।
    एक जनी जब दूर खड़ी।
     भोर भई बैठा होज्या ओ।
    सूता पड़िया सो  दंगल बीच ।।टेर।।

     

     गणेश आया रिद्धि सिद्धि लाया।
    बाट रहीया  घड़ी घड़ी।
     फूल बरसाए घर सभी बरसाया।
     चन्द पड़िया सो देख शरीर
    भोर भई बैठा होज्याओ।
    सूता पड़िया सो दल्ग बीच।।टेर।।

     

    आ ईछुक काया अलख जगाया
     बोल रहा मै हरि हरि 
    साधु आया ,बोल रहा मै हरी हरी 
    अन्न पानी बैठे सुबह से बसिया
     भोर भई बैठा गई हो जाओ
     सुता पड़ा सो दलंग बीच ।।टेर।।

     

    रात बीत गई दिव सों उगयो।
     हरी  सिमरो घड़ी-घड़ी।।
    प्रभु ने सिमरो घड़ी घड़ी ,
    मांध्व्ध़ो के या  मीनखां दे,
    सब सुणया सिद्ध श्री । 
    भोर भई बैठा होज्या ओ, 
    सूता पड़िया सो दल्ग बीच ।।टेर।।

         


    भजन का महत्व

    यह प्रभाती भजन सुबह की शुरुआत में जागरूकता और ऊर्जा जगाने के लिए अत्यंत उपयुक्त है। "भोर भई" भजन सुनने और गाने से मन में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है और व्यक्ति अपने दिन की शुरुआत सकारात्मक भावना के साथ कर पाता है।

    भजन में भगवान गणेश, लक्ष्मी माता और हरि के नाम से आशीर्वाद मांगा गया है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता आती है।


    गायक – रामेश्वर सुजानगढ

    रामेश्वर जी सुजानगढ एक प्रसिद्ध भजन गायक हैं, जो राजस्थान की लोक संस्कृति और आध्यात्मिक गीतों को अपनी मधुर आवाज़ में प्रस्तुत करते हैं। उनके भजन धार्मिक आयोजनों और प्रभाती सेशन्स में विशेष रूप से लोकप्रिय हैं।


    निष्कर्ष

    अगर आप सुबह की शुरुआत एक सकारात्मक, आध्यात्मिक और शांति से भरपूर वातावरण में करना चाहते हैं, तो "भोर भई" प्रभाती भजन आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। इसे सुनें, गाएं और अपने जीवन में आनंद और शक्ति का अनुभव करें।


    FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

    Q1. प्रभाती भजन क्या होता है?
    उत्तर: प्रभाती भजन वह गीत होते हैं जो सुबह के समय भगवान की स्तुति और जागरण के लिए गाए जाते हैं।

    Q2. भोर भई भजन किस भाषा में है?
    उत्तर: यह भजन मुख्य रूप से हिंदी और स्थानीय राजस्थानी बोलियों का मिश्रण है।

    Q3. भजन गायक कौन हैं?
    उत्तर: इस भजन के गायक रामेश्वर सुजानगढ हैं, जो राजस्थान के प्रसिद्ध भजन गायक हैं।

    Q4. भजन कहां सुना या डाउनलोड किया जा सकता है?
    उत्तर: आप इसे यूट्यूब, भजन वेबसाइट्स और म्यूजिक प्लेटफॉर्म्स पर सुन सकते हैं।

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