तुम श्री राम के सेवक हो भजन लिरिक्स
प्रकाशित: 29 Apr, 2025
कानूड़ा थारी बांसुरी की तान प्यारी लगी रे ।
वृन्दावन में रास देखबा, गिरजा जावण लागी-२
बोले भोला में भी चलुगा, बात समझ में आगी रे |
कानूड़ा थारी बांसुरी.....
हंस कर गिरजा कहे नाथ थारे या के मन में भागी-२
एक पुरुष ही रहे रास में, कृष्ण चंद बडभागी रे |
कानूड़ा थारी बांसुरी.....
काजल टीकी और घाघरो चुनड़ कुर्ती आँगी-२
म्हारी देख मजाक आज तो, म्हाने ज्यादा भागो रे ।
कानूड़ा थारी बांसुरी.....
डमरु और त्रिशूल अलग कर, खाल भभूती त्यागी-२
न्हाय धोय भोला भण्डारी, गोपी बणके चाली रे |
कानूड़ा थारी बांसुरी.....
कर सोला सिंगार, घुघटों काजल गातो तागी -२
देख पिया को रूप सुहाणु , गिरजा चक्कर खागी रे |
कानूड़ा थारी बांसुरी.....
नई सखी न पास में लेकर, गिरजा रास में आगी रे -२
बंसी बाजी नाचण लाग्या शिव भोला जी रे |
कानूड़ा थारी बांसुरी.....
सर की चुनड़ खुल्यों घुघटों, सखियाँ तो शरमागी
हाथ पकड़कर कान्ह कहे, या गोपी मन भागी रे ।
कानूड़ा थारी बांसुरी.....
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