तुम श्री राम के सेवक हो भजन लिरिक्स
प्रकाशित: 29 Apr, 2025
भजन: भजन ज़माने को
भाषा: हिंदी
शैली: भक्ति गीत (Devotional Song)
भजन बिनां नर मिनख जूण में आया ना आया।
ताल छोड़ बेताल गवैया, गाया नां गाया॥ टेर ॥
राज़ी हो भगवान, किसी के मारे नां मरते।
जो विघना के लेख, किसी के टारे नां टरते॥
जिसके नाँ विश्वास, किसी के त्यारे ना तिरते।
यश अपशय के काम, किसी के सारे नां सरते॥
मान गमा के जो कुछ पाया, पाया नां पाया ॥1॥
दुःख की बैरन रात, स्यात में काटे नां कटती |
गैर चलन बदमास लुगाई डाटे नां डटती ॥
निरपराध में दोष बुराई छांटे नां छंटती ।
माया धन कंजूस हाथ से बाटे ना बटती ||
दान दिया बिन गंगा न्हाया , न्हाया नां न्हाया ॥2॥
काल शीश पर छाय रह्य, कुछ होश नहीं करते ।
कायर मर्द हिंजड़ा रण में, जोश नहीं करते ।।
लोभी नर लालच में पड, के संतोष नहीं करते ।
सत्पुरुषो की शुद्द आतमा, रोष नहीं करते।।
धोखा देके माल पराया,खाया नां खाया ।। 3 ।।
पापी बेईमान दुष्ट दिल डाटया नां करते ।
सती सूरमा धोखा दे गल काट्या नां करते ।।
सच्चे मित्र बख्त पड़े से फाट्या नां करते |
हरनारायण शर्मा कहता, नाट्या नां करते ।।
पूत कपूत किसी के घर में जाया नां जाया || 4 ||
यह भजन संसार को एक महत्वपूर्ण संदेश देता है:
सच्ची भक्ति बिना मनुष्य का जीवन अधूरा है।
केवल दिखावे से भजन या साधना नहीं होती, उसमें श्रद्धा और समर्पण ज़रूरी है।
जो धन, विज्ञान या मान-सम्मान में फंसे हैं, वे सच्चे धर्म के रास्ते से भटक जाते हैं।
सत्संग, भक्ति और निष्काम सेवा ही जीवन को सार्थक बनाते हैं।
इस भजन के माध्यम से हमें सिखाया जाता है कि
भक्ति बिना जीवन अधूरा है।
जीवन में सच्ची श्रद्धा, सेवा और त्याग के बिना आध्यात्मिक उन्नति संभव नहीं।
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