Man Ki Tarng Maar Bhajan Lyrics - मन की तरंग मार लो, बस हो गया लिरिक्स
प्रकाशित: 15 May, 2025
श्यामा श्यामा बोलो रे, जीवांला तो फेर मिलालां नीका रिज्यो रे भजन लिरिक्स
(तर्ज - मारवाडी)
दोहा- श्याम नाम एक धाम है, जो कोई गोता खाय ।
बैतरणी की धार से, आर पार हो जाय ।
भाया श्यामा श्यामा बोलो रे ।
जीवांला तो फेर मिलालां नीका रिज्यो रे ।। टेर ।।
श्याम धणीं के द्वार पर यो अमृत बहतो जावे ।
मूरख राखे ईर्षा रै चात्रग चट पी जावे ।।
भाया राजी राजी बोलो रे । १ । जीवालां ……….
श्यामा श्यामा सब करे रे श्यामा घट के मांहीं ।
आडी टाटी लगी कपट की जीं से सुझे नाहीं ।।
भाया मन की घुण्डी खोलो रे । २। जीवालां...
चांद सूरज के बीच में रे लटकै सुखमण डोर ।
जगर मगर सी हो रही रे चढज्यो चोकस होर ।।
बात हृदय में धर लिज्यो रे । ३ । जीवालां....
काया माया बादली रे, जाता न लागे बार ।
"सोहनलाल" श्री श्याम भजे तो हो जाय बेड़ा पार ।।
भाया रामा श्यामा म्हारी रे ।४। जीवालां ………
शीश के दानी की जय
प्रकाशित: 15 May, 2025
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