सांवरा थारी माया रो पायो कोनी पार हिंदी भजन लिरिक्स

    राजस्थानी भजन

    • 11 Jul 2025
    • Admin
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    सांवरा थारी माया रो पायो कोनी पार हिंदी भजन लिरिक्स

    सांवरा थारी माया रो पायो कोनी पार हिंदी भजन लिरिक्स

     

    श्लोक मीरा जन्मी मेड़ते,
    वा परणाई चित्तोड़,
    राम भजन प्रताप सु,
    वा सकल श्रुष्टि सिरमोड,
    सकल सृष्टि सिरमोड जगत में,
    सारा जानिए,
    आगे भई अनेक बाया कई रानी,
    जिनकी रीत संग्राम कहे,
    तो है वैकुंठा ठौर,
    मीरा जन्मी मेड़ते,
    वा परणाई चित्तोड़।

    सांवरा थारी माया रो,
    पायो कोनी पार,
    भेद नही जाण्यो रे,
    दयालु दीना नाथ।।


    इंदर कोप कियो बृज ऊपर,
    बरसयो मूसला धार,
    अरे नख पर गिरी वर धारयो रे,
    दयालु दीना नाथ,
    सवरा थारी माया रो,
    पायो कोनी पार,
    भेद नही जाण्यो रे,
    दयालु दीना नाथ।।


    गौ रा जाया बेलिया,
    कमावे दिन रात,
    बूढा कर कर बेचे रे,
    दयालु दीना नाथ,
    सवरा थारी माया रो,
    पायो कोनी पार,
    भेद नही जाण्यो रे,
    दयालु दीना नाथ।।


    हिरण्यकुश प्रहलाद ने वरजे,
    वरजे बारम बार,
    अरे राम नाम नही लेना रे,
    दयालु दीना नाथ,
    सवरा थारी माया रो,
    पायो कोनी पार,
    भेद नही जाण्यो रे,
    दयालु दीना नाथ।।


    विष रा प्याला राणाजी भेज्या,
    दीजो मीरा ने जाय,
    कर चरणामृत पायो रे,
    दयालु दीनानाथ,
    सवरा थारी माया रो,
    पायो कोनी पार,
    भेद नही जाण्यो रे,
    दयालु दीना नाथ।।


    मीरा बाई री अर्ज वीनती,
    सुनो थे सृजनहार,
    में चरणा री दासी रे,
    दयालु दीना नाथ,
    सवरा थारी माया रो,
    पायो कोनी पार,
    भेद नही जाण्यो रे,
    दयालु दीना नाथ।।


    सांवरा थारी माया रो,
    पायो कोनी पार,
    भेद नही जाण्यो रे,
    दयालु दीना नाथ।।

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