रामचरितमानस के 25 प्रेरणादायक दोहे: तुलसीदास के अमूल्य विचार
प्रकाशित: 08 Apr, 2025
Read Moreपवन उड़ा के ले गयी रे मेरी माँ की चुनरिया – भजन लिरिक्स और अर्थ
उड़के चुनरिया अयोध्या में पहुची
माता सीता के मन को भा गयी रे
मेरी माँ की चुनरिया
पवन उड़ा के ले गयी रे मेरी माँ की चुनरिया
उड़के चुनरिया कैलाश पे पहुची
गौराजी के मन को भा गयी रे
मेरी माँ की चुनरिया
पवन उड़ा के ले गयी रे मेरी माँ की चुनरिया
उड़के चुनरिया गोकुल में पहुची
राधा के मन को भा गयी रे
मेरी माँ की चुनरिया
पवन उड़ा के ले गयी रे मेरी माँ की चुनरिया
उड़के चुनरिया सत्संग में पहुची
भक्तो के मन को भा गयी रे
मेरी माँ की चुनरिया
पवन उड़ा के ले गयी रे मेरी माँ की चुनरिया
पवन उड़ा के ले गयी रे मेरी माँ की चुनरिया – भजन लिरिक्स और अर्थ
"पवन उड़ा के ले गयी रे मेरी माँ की चुनरिया" एक दिल को छूने वाला भक्ति भजन है जो माँ की पूजा और भक्ति के महत्व को दर्शाता है। इस भजन में पवन (हवा) द्वारा माँ की चुनरी के विभिन्न स्थलों पर यात्रा करने की बात की जाती है, जो भक्तों के दिलों को छू लेती है। आइये जानते हैं इस भजन के लिरिक्स और उनके अर्थ:
"उड़के चुनरिया अयोध्या में पहुची,
माता सीता के मन को भा गयी रे,
मेरी माँ की चुनरिया
पवन उड़ा के ले गयी रे मेरी माँ की चुनरिया।"
इस पंक्ति में यह दर्शाया गया है कि पवन ने माँ की चुनरी को अयोध्या में पहुँचाया, जहां माता सीता ने इसे स्वीकार किया। अयोध्या का महत्त्व भगवान राम और माता सीता से जुड़ा हुआ है, और यहाँ माँ की चुनरी का पहुँचना भक्तों के लिए एक दिव्य संकेत है।
"उड़के चुनरिया कैलाश पे पहुची,
गौराजी के मन को भा गयी रे,
मेरी माँ की चुनरिया
पवन उड़ा के ले गयी रे मेरी माँ की चुनरिया।"
इस पंक्ति में पवन माँ की चुनरी को कैलाश पर्वत लेकर पहुँचता है, जहाँ भगवान शिव (गौराजी) इसे स्वीकार करते हैं। कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है, और यहाँ माँ की चुनरी का पहुँचना एक शुद्ध भक्ति का प्रतीक है।
"उड़के चुनरिया गोकुल में पहुची,
राधा के मन को भा गयी रे,
मेरी माँ की चुनरिया
पवन उड़ा के ले गयी रे मेरी माँ की चुनरिया।"
यहाँ, पवन माँ की चुनरी को गोकुल पहुँचाता है, जहाँ राधा उसे स्वीकार करती हैं। गोकुल भगवान कृष्ण और राधा के प्रति प्रेम का स्थान है। यह पंक्ति दिखाती है कि भक्ति के मार्ग पर हर स्थान पर भगवान और उनकी प्रिय भक्तियाँ माँ की कृपा से आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।
"उड़के चुनरिया सत्संग में पहुची,
भक्तो के मन को भा गयी रे,
मेरी माँ की चुनरिया
पवन उड़ा के ले गयी रे मेरी माँ की चुनरिया।"
इस पंक्ति में दिखाया गया है कि पवन माँ की चुनरी को सत्संग में ले जाता है, जहाँ भक्तों के दिलों में यह भजन गूंजता है। सत्संग के माध्यम से भक्ति और पूजा के उच्चतम अनुभव प्राप्त होते हैं, और इस पंक्ति से भक्ति की शक्ति का अहसास होता है।
निष्कर्ष:
"पवन उड़ा के ले गयी रे मेरी माँ की चुनरिया" भजन एक अद्भुत भक्ति गीत है जो हमें माँ के प्रति श्रद्धा और भक्ति का आभास कराता है। इसके लिरिक्स विभिन्न दिव्य स्थानों के माध्यम से भगवान और उनके भक्तों के बीच के रिश्ते को उजागर करते हैं। यह भजन सुनकर भक्तों का मन शांति और श्रद्धा से भर जाता है।
हमारे ब्लॉग को पढ़ने के लिए धन्यवाद। अधिक भक्ति भजन और प्रेरणादायक लेखों के लिए हमें फॉलो करें!
👉 Top Tech Careers in 2025: Your Guide to the Best Job Opportunities in Technology
👉 How to Increase Your Mobile Data Speed (Simple & AI-Powered Tips)
👉 🎶 How to Get Free Music for YouTube Videos: Your Ultimate Guide to Royalty-Free Tracks 🎥
👉 IPL 2025 Full Schedule & Match Fixtures – Get the complete list of IPL 2025 match dates, venues, and teams. 📅🏏
👉 Top 5 Players to Watch in IPL 2025 – Discover the key players who are expected to shine this season. ⭐🔥
👉 IPL 2025 Points Table – Live Standings & Team Rankings – Stay updated with the latest team standings and rankings. 📊📈
Post Your Comment