Man Ki Tarng Maar Bhajan Lyrics - मन की तरंग मार लो, बस हो गया लिरिक्स
प्रकाशित: 15 May, 2025
क्या आप भी भजन गाने की इच्छा रखते हैं लेकिन यह नहीं जानते कि शुरुआत कैसे करें? अगर हाँ, तो यह ब्लॉग पोस्ट खास आपके लिए है। यहाँ हम सरल और चरणबद्ध तरीके से समझाएँगे कि आप बिना किसी म्यूजिक स्कूल जाए, घर बैठे भजन गाना और संगीत सीखना कैसे शुरू कर सकते हैं।
भजन गाना सिर्फ संगीत नहीं, एक आध्यात्मिक साधना भी है। सबसे पहले आपको मन में यह भावना रखनी होगी कि आप भगवान की भक्ति में लीन होने के लिए यह सीख रहे हैं।
धैर्य और नियमितता जरूरी है।
हर दिन कम से कम 10-15 मिनट अभ्यास के लिए निकालें।
शुरुआती लोगों के लिए यह जरूरी है कि पहले अपनी आवाज़ को समझें और धीरे-धीरे उसे प्रशिक्षित करें।
सरगम का अभ्यास करें:
रोज़ सुबह 5 से 10 मिनट "सा रे गा मा" का अभ्यास करें।
मौन से शुरुआत:
पहले गुनगुनाएँ, फिर धीरे-धीरे आवाज़ में गाना शुरू करें।
आज के समय में बहुत सारे मुफ्त ऑनलाइन माध्यम उपलब्ध हैं:
प्लेटफ़ॉर्म | फायदे | उदाहरण चैनल/ऐप |
---|---|---|
YouTube | फ्री ट्यूटोरियल्स | Radhika Vlogs, Bhajan Sangeet Siksha |
मोबाइल ऐप्स | बेसिक से लेकर एडवांस लेवल | Riyaz App, SangeetMitra |
💡 टिप: शुरुआत में किसी एक गुरु या चैनल को फॉलो करें जिससे कन्फ्यूजन न हो।
सिंपल और कम सुर वाले भजनों से शुरुआत करें। जैसे:
"रघुपति राघव राजा राम"
"श्री रामचन्द्र कृपालु भज मन"
"हरे रामा हरे कृष्णा"
📝 एक डायरी में अपने सीखे भजनों को लिखें और नोट करें कि कौन-कौन से सुर इस्तेमाल हुए।
अगर आप इंस्ट्रूमेंट सीखना चाहते हैं, तो पहले हार्मोनियम के बेसिक नोट्स जानना फायदेमंद रहेगा।
सा-रे-गा-म-संगीत स्केल को समझें।
यूट्यूब पर "harmonium notes for beginners" सर्च करें।
भजन गाने में सुधार के लिए अभ्यास सबसे जरूरी है।
दिन | अभ्यास |
---|---|
सोमवार | सरगम + 1 भजन |
बुधवार | नया भजन सीखना |
शुक्रवार | रिकॉर्ड करके सुनना और सुधार करना |
रविवार | फैमिली के साथ भजन संध्या करना |
जब आप अपनी आवाज़ रिकॉर्ड कर के सुनते हैं, तो आपको अपनी गलतियाँ समझ आती हैं।
मोबाइल की रिकॉर्डिंग ऐप का उपयोग करें।
धीरे-धीरे सुधार करते रहें।
हर भजन से पहले एक छोटा ध्यान (मेडिटेशन) करें।
भक्ति से गाएं, प्रदर्शन के लिए नहीं।
सोशल मीडिया या अपने ब्लॉग पर अपनी रिकॉर्डिंग शेयर करें।
भजन गाना सीखना कठिन नहीं है, बस सच्ची श्रद्धा, नियमित अभ्यास और थोड़ा धैर्य चाहिए। अगर आप रोज़ थोड़ी-थोड़ी प्रैक्टिस करेंगे तो कुछ ही हफ्तों में आपको फर्क महसूस होगा। शुरू कीजिए, अपने अंदर की भक्ति को जगाइए और संगीत के माध्यम से ईश्वर से जुड़िए।
👉 अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे शेयर करें और अपने अनुभव हमें कमेंट में ज़रूर बताएं।
प्रकाशित: 15 May, 2025
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