गजानन्द न ध्याय ल्यो, रिद्धि सिद्धि ल्यो र मनाय होली धमाल हिंदी लिरिक्स
विनायक
(उमराव थारी बोली प्यारी लाग)
गजानन्द न ध्याय ल्यो, रिद्धि सिद्धि ल्यो र मनाय
रणक भंवर स आयज्यो, आकर दरश दिखाय
गजानन्द थारी सूरत प्यारी लाग म्हारा राज
विनायक थारी सूरत प्यारी लाग म्हारा राज
गणराज जी ओ जी म्हारा राज II
एकदन्त सिर चन्द्रमा, सुन्दर नयन विशाल
माथ तिलक बिराज रयो, गल मोतियन की माल
गणनायक थान चौकी ढ़ाल बैठावा म्हारा राज
विनायक थान चौकी ढ़ाल बैठावा म्हारा राज
गणराज जी ओ जी म्हारा राज II
शिव शंकर का लाडला, गौरी सुवन सुजान
रिद्धि - सिद्धि रा भरतार थे, भक्त लगावे ध्यान
गणनायक म्हार मूसे चढ़कर आवो म्हारा राज
विनायक म्हार मूसे चढ़कर आवो म्हारा राज
गणराज जी ओ जी म्हारा राज II
गजरो ल्याय चढायस्या, मोदक भोग लगाय
भगत मंडली बारण, बेड़ो पार लगाय
गणनायक म्हार, सभा म रंग बरसावो म्हारा राज
विनायक म्हार, सभा म रंग बरसावो म्हारा राज
गणराज जी ओ जी म्हारा राज II
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