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    Shiv Bhajan Sangrh Lyrics In Hindi

    भोला भांग तुम्हारी, मैं घोटात-घोटात हारी भजन हिंदी लिरिक्स

    भोला भांग तुम्हारी, मैं घोटात-घोटात हारी भजन  हिंदी लिरिक्स
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    भोला भांग तुम्हारी, मैं घोटात-घोटात हारी
    मुझसे न घोटी जाए

     

    की तेरी एक दिनां की होए तो घोंटूं, रोज़ न घोंटी जाए
     
    सुन गणपति की महतारी, घोंटो भांग हमारी
    बिन भंग रहा नहीं जाए
    गौरां तोकू छोड़ दऊँ भंग न छोड़ी जाए
     
    जिस दिन से मैं ब्याही आई भाग हमारे फूटे
    राम करे ऐसा हो तेरा सिल-बट्टा ही टूटे
    हाँ टूटे - २
     
    छले पड़ गए हाथों में, क्यों तरस न मोपे खाए
    की तेरी एक दिनां की होए तो घोंटूं, रोज़ न घोंटी जाए
     
    भोला भांग तुम्हारी, मैं घोटात-घोटात हारी...
     
    क्रोध में आके शिव शंकर ने खोला अपना झोला
    एक निकली चरस की गोली, एक भांग का गोला
    हाँ गोला - २ 
     
    गोला, गोली खाकर बोले क्रोध में यूं फरमाए
    गौरां तोकू छोड़ दऊँ भंग न छोड़ी जाए
     
    सुन गणपति की महतारी, घोंटो भांग हमारी
    बिन भंग रहा नहीं जाए
    गौरां तोकू छोड़ दऊँ भंग न छोड़ी जाए
     
    भांग चढ़ाए जो मुझपे, मैं पूरी आशा करता
    मन इच्छा पूरी करके मैं उनके संकट हरता
    मै हरता - २
    इसी लिए वो भक्त मेरा मुझमे ही आन समाए
    अरे, गौरां तोकू छोड़ दऊँ भंग न छोड़ी जाए
     
    सुन गणपति की महतारी, घोंटो भांग हमारी
    सुन भोला भांग तुम्हारी, मैं घोटात-घोटात हारी
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