अंबे जी आपने कौण सजाया सा चिराजा लिरिक्स
अंबे जी आपने कौण सजाया सा चिराजा लिरिक्स ||
Ambe Ji Aapne Kaun Sajaya Sa Chirja Lyrics - Bhakti Bhajan Diary
~ 2 - 4 Mintues
तर्ज =-बाईसा रा बीरा जयपुर जाजो सा
अंबे जी आपने कौण सजाया सा ,
म्हारा इंदर अंबा प्यारा घणा लागो सा,
म्हारो मनड़ो हर लिनो थांकि मुरत मतवाली ,,
म्हारो मनडो मोह लिनो थांकि सूरत मतवाली,
1 -अन्नदाता थांको खूब सज्यो दरबार,
म्हारा इंदर अंबा अजब सज्यो दरबार,
प्राणा से प्यारी आ खुडद नगरी,
मोत्या से महंगी आ खुड़द नगरी,
अम्बे जी- - - - - - - - - - - - - - - - - - -
2 - अन्नदाता थारी नजर उतारू सा,
बाईसा थां पर रांई लूण वारू सा,
न्योछावर कर दु अम्बर और आ धरती,
न्योछावर कर दु अम्बर और आ धरती,
अम्बे - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - --
3 - अन्नदाता थे तो कुल मे उजालो सा,
बाईसा थै तो कुऴ ने उबारयो सा,
पावन तीरथ सो लागे आ खुडद नगरी,
सुरगा सु प्यारी आ खुडद नगरी,
अम्बे जी - - - - - - - - - - - - - - - - - - -
4 - अन्नदाता थांरो रूप निहारूं सा,
बाईसा थां पर तन मन वारू सा,
पारस ने दी जो मां चरणा की चाकरी,
दर्शण तो दीजो मां म्हाने भी दो घड़ी,
अम्बे जी - - - - - - - -- -- - -
अंबे जी आपने कौण सजाया सा ,
म्हारा इंदर अंबा प्यारा घणा लागो सा,
म्हारो मनड़ो हर लिनो थांकि मुरत मतवाली ,,
म्हारो मनडो मोह लिनो थांकि सूरत मतवाली,
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