उदय मत होय सूरज मेरा भाई | हनुमान भजन के मधुर बोल
प्रकाशित: 14 Jun, 2025
रुत आई रे पपिया तेरी बोलन की,
रुत आई रे,
रुत आई रे पपिया तेरी बोलन की,
रुत आई रे,
कुँसे महीने में बोले मोर पपियो रे,
कुँसे महीने में बोले मोर पपियो रे,
अरे कुँसे महीने में बोले कोयलडी रे,
रुत आई रे,
रुत आई रे पपिया तेरी बोलन की,
रुत आई रे,
सावन के महीने में बोले मोर पपियो रे,
सावन के महीने में बोले मोर पपियो रे,
अरे भादूडा महीने में बोले कोयलडी रे,
रुत आई रे,
रुत आई रे पपिया तेरी बोलन की,
रुत आई रे,
के तो चुगे रे थारो मोर पपियो रे,
के तो चुगे रे थारो मोर पपियो रे,
अरे के तो चूगेगी तारी कोयलडी रे,
रुत आई रे,
रुत आई रे पपिया तेरी बोलन की,
रुत आई रे,
दाल चुगे रे म्हारो मोर पपियो रे,
दाल चुगे रे म्हारो मोर पपियो रे,
अरे दाखत चुगे रे म्हारी कोयलडी रे,
रुत आई रे,
रुत आई रे पपिया तेरी बोलन की,
रुत आई रे,
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