मेरे देश की धरती सोना उगले हीरे मोती हिंदी देश भक्ति गीत लिरिक्स लिखित में

    देश भक्ति गीत

    • 8 Mar 2025
    • Admin
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    मेरे देश की धरती सोना उगले हीरे मोती हिंदी देश भक्ति गीत लिरिक्स लिखित में

    मेरे देश की धरती सोना उगले,
    उगले हीरे मोती,
    मेरे देश की धरती ।

    बैलों के गले में जब घुँघरू,
    जीवन का राग सुनाते हैं,
    ग़म कोस दूर हो जाते है,
    खुशियों के कमल मुस्काते हैं ।
    मेरे देश की धरती सोना उगले,
    उगले हीरे मोती,
    मेरे देश की धरती ।

    सुन के रहट की आवाज़ें,
    यूँ लगे कहीं शहनाई बजे,
    आते ही मस्त बहारों के,
    दुल्हन की तरह हर खेत सजे ।
    मेरे देश की धरती सोना उगले,
    उगले हीरे मोती,
    मेरे देश की धरती ।

    जब चलते हैं इस धरती पर हल,
    ममता अँगड़ाइयाँ लेती है,
    क्यों ना पूजें इस माटी को,
    जो जीवन का सुख देती है ।

    इस धरती पे जिसने जन्म लिया,
    उसने ही पाया प्यार तेरा,
    यहाँ अपना पराया कोई नही,
    हैं सब पे है माँ उपकार तेरा ।
    मेरे देश की धरती सोना उगले,
    उगले हीरे मोती,
    मेरे देश की धरती ।

    ये बाग़ हैं गौतम नानक का,
    खिलते हैं अमन के फूल यहाँ,
    गांधी सुभाष टैगोर तिलक,
    ऐसे हैं चमन के फूल यहाँ ।
    रंग हरा हरिसिंह नलवे से,
    रंग लाल है लाल बहादुर से,
    रंग बना बसंती भगतसिंह,
    रंग अमन का वीर जवाहर से ।
    मेरे देश की धरती सोना उगले,
    उगले हीरे मोती,
    मेरे देश की धरती ।

    मेरे देश की धरती सोना उगले,
    उगले हीरे मोती,
    मेरे देश की धरती ।

    मेरे देश की धरती सोना उगले,
    उगले हीरे मोती,
    मेरे देश की धरती ।

     

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