मेरे देश की धरती सोना उगले हीरे मोती हिंदी देश भक्ति गीत लिरिक्स लिखित में

देश भक्ति गीत लिरिक्स लिखित में: Desh Bhakti Bhajan Geet Lyrics In Hindi

मेरे देश की धरती सोना उगले हीरे मोती हिंदी देश भक्ति गीत लिरिक्स लिखित में
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मेरे देश की धरती सोना उगले,
उगले हीरे मोती,
मेरे देश की धरती ।

बैलों के गले में जब घुँघरू,
जीवन का राग सुनाते हैं,
ग़म कोस दूर हो जाते है,
खुशियों के कमल मुस्काते हैं ।
मेरे देश की धरती सोना उगले,
उगले हीरे मोती,
मेरे देश की धरती ।

सुन के रहट की आवाज़ें,
यूँ लगे कहीं शहनाई बजे,
आते ही मस्त बहारों के,
दुल्हन की तरह हर खेत सजे ।
मेरे देश की धरती सोना उगले,
उगले हीरे मोती,
मेरे देश की धरती ।

जब चलते हैं इस धरती पर हल,
ममता अँगड़ाइयाँ लेती है,
क्यों ना पूजें इस माटी को,
जो जीवन का सुख देती है ।

इस धरती पे जिसने जन्म लिया,
उसने ही पाया प्यार तेरा,
यहाँ अपना पराया कोई नही,
हैं सब पे है माँ उपकार तेरा ।
मेरे देश की धरती सोना उगले,
उगले हीरे मोती,
मेरे देश की धरती ।

ये बाग़ हैं गौतम नानक का,
खिलते हैं अमन के फूल यहाँ,
गांधी सुभाष टैगोर तिलक,
ऐसे हैं चमन के फूल यहाँ ।
रंग हरा हरिसिंह नलवे से,
रंग लाल है लाल बहादुर से,
रंग बना बसंती भगतसिंह,
रंग अमन का वीर जवाहर से ।
मेरे देश की धरती सोना उगले,
उगले हीरे मोती,
मेरे देश की धरती ।

मेरे देश की धरती सोना उगले,
उगले हीरे मोती,
मेरे देश की धरती ।

मेरे देश की धरती सोना उगले,
उगले हीरे मोती,
मेरे देश की धरती ।

 

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