मेरे देश की धरती सोना उगले हीरे मोती हिंदी देश भक्ति गीत लिरिक्स लिखित में

देश भक्ति गीत लिरिक्स लिखित में: Desh Bhakti Bhajan Geet Lyrics In Hindi

मेरे देश की धरती सोना उगले हीरे मोती हिंदी देश भक्ति गीत लिरिक्स लिखित में
Bhakti Bhajan Diary WhatsApp Group Join Now

मेरे देश की धरती सोना उगले,

उगले हीरे मोती,

मेरे देश की धरती ।


बैलों के गले में जब घुँघरू,

जीवन का राग सुनाते हैं,

ग़म कोस दूर हो जाते है,

खुशियों के कमल मुस्काते हैं ।

मेरे देश की धरती सोना उगले,

उगले हीरे मोती,

मेरे देश की धरती ।


सुन के रहट की आवाज़ें,

यूँ लगे कहीं शहनाई बजे,

आते ही मस्त बहारों के,

दुल्हन की तरह हर खेत सजे ।

मेरे देश की धरती सोना उगले,

उगले हीरे मोती,

मेरे देश की धरती ।


जब चलते हैं इस धरती पर हल,

ममता अँगड़ाइयाँ लेती है,

क्यों ना पूजें इस माटी को,

जो जीवन का सुख देती है ।


इस धरती पे जिसने जन्म लिया,

उसने ही पाया प्यार तेरा,

यहाँ अपना पराया कोई नही,

हैं सब पे है माँ उपकार तेरा ।

मेरे देश की धरती सोना उगले,

उगले हीरे मोती,

मेरे देश की धरती ।


ये बाग़ हैं गौतम नानक का,

खिलते हैं अमन के फूल यहाँ,

गांधी सुभाष टैगोर तिलक,

ऐसे हैं चमन के फूल यहाँ ।

रंग हरा हरिसिंह नलवे से,

रंग लाल है लाल बहादुर से,

रंग बना बसंती भगतसिंह,

रंग अमन का वीर जवाहर से ।

मेरे देश की धरती सोना उगले,

उगले हीरे मोती,

मेरे देश की धरती ।


मेरे देश की धरती सोना उगले,

उगले हीरे मोती,

मेरे देश की धरती ।


मेरे देश की धरती सोना उगले,

उगले हीरे मोती,

मेरे देश की धरती ।


 

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Popular Bhajans Lyrics

Leave Message

Stay Connected With Us

Post Your Comment