घर में पधारो गजानन जी | Ganesh Ji Bhajan with Lyrics
प्रकाशित: 28 Mar, 2025
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ऐहे… घूँघट खोलदे भाया की भावज,
हियो बिलखे, घूँघट खोलदे,
घूँघट खोलदे भाया की भावज,
हियो बिलखे, घूँघट खोलदे॥
हियो बिलखे, हियो बिलखे,
घूँघट खोलदे,
घूँघट खोलदे भाया की भावज,
हियो बिलखे, घूँघट खोलदे॥
ऐहे… चाँद के चांदणिये गोरी को,
केवटियो घडिजे रे,
चाँद के चांदणिये गोरी को,
केवटियो घडिजे रे॥
दिवले के चांदणे पियो निरखे,
घूँघट खोलदे,
घूँघट खोलदे भाया की भावज,
हियो बिलखे, घूँघट खोलदे॥
ऐहे… चाँद के चांदणिये गोरी को,
मादलियो घडिजे रे,
चाँद के चांदणिये गोरी को,
मादलियो घडिजे रे॥
दिवले के चांदणे पियो निरखे,
घूँघट खोलदे,
घूँघट खोलदे भाया की भावज,
हियो बिलखे, घूँघट खोलदे॥
ऐहे… चाँद के चांदणिये गोरी को,
गलपटियो घडिजे रे,
चाँद के चांदणिये गोरी को,
गलपटियो घडिजे रे॥
दिवले के चांदणे को पियो निरखे,
घूँघट खोलदे,
घूँघट खोलदे भाया की भावज,
हियो बिलखे, घूँघट खोलदे॥
ऐहे… चाँद के चांदणिये गोरी को,
पायलड़ी घडिजे रे,
चाँद के चांदणिये गोरी को,
पायलड़ी घडिजे रे॥
दिवले के चांदणे को पियो निरखे,
घूँघट खोलदे,
घूँघट खोलदे भाया की भावज,
हियो बिलखे, घूँघट खोलदे॥
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