सत्संगी चेतावानी निर्गुणी भजन लिरिक्स इन हिंदी
चली जा रही है उम्र धीरे धीरे भजन लिरिक्स
चली जा रही है उम्र धीरे धीरे भजन लिरिक्स |
Chali Ja Rahi Hai Umar Dhire Dhire Bhajan Lyrics
चली जा रही है उम्र धीरे धीरे,
पल पल आठों पहर धीरे धीरे।
बचपन भी जाए, जवान भी जाए,
बुढापा का होगा असर धीरे धीरे॥
तेरे हाथ पावों में दम ना रहेगा,
झुकेगी तुम्हारी कमर धीरे धीरे॥
शिथल अंग होंगे सब इकदिन तुम्हारे,
फिर मंद होगी नज़र धीरे धीरे॥
बुराई से मन को तू अपने हटाले,
सुधर जाए तेरा जीवन धीरे धीरे॥
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