Mhara Sawariya Ji Seth Lyrics | म्हारा सांवरिया जी सेठ भजन लिरिक्स
म्हारा सांवरिया जी सेठ - जाने कहाँ हो गयो लेट लिरिक्स
"तर्ज – क्यों नी आयो रे"
म्हारा सांवरिया जी सेठ,
जाने कहाँ हो गयो लेट,
क्यों नी आयो रे,
क्यों नी आयो रे।।
ओ कान्हा रे, कान्हा रे,
ओ कान्हा रे, कान्हा रे।
थारा ही भरोसे मैं तो,
आयो म्हारा नाथ जी,
कोड़ी कोणी पास म्हारे,
कैसे भरूं भांत जी,
जो तू भांत भरण नही आयो,
म्हारी हांसी नगर उड़ायो,
क्यों नी आयो रे,
क्यों नी आयो रे।।
रोवे थारी नानी बाई,
और ना रुलाओ रे,
जल्दी आओ सेठ सांवरिया,
देर ना लगाओ रे,
राखो राखो लाज,
म्हारा त्रिलोकी रा नाथ,
क्यों नी आयो रे,
क्यों नी आयो रे।।
नरसी की विनती सुण आयो,
त्रिलोकी रो नाथ जी,
भक्त वृन्द की तो राखी,
वा ने घणी लाज,
नरसी नैना नीर बहायो,
नरसी देख देख हर्षायो,
क्यों नी आयो रे,
क्यों नी आयो रे।।
म्हारा सांवरिया जी सेठ,
जाने कहाँ हो गयो लेट,
क्यों नी आयो रे,
क्यों नी आयो रे।।
प्रेषक – सुभाष नाथजी
✅ FAQs – Google Helpful Content Guidelines के अनुसार
Q1: 'म्हारा सांवरिया जी सेठ' भजन किसके बारे में है?
उत्तर: यह भजन भगवान श्रीकृष्ण के एक लोकप्रिय रूप “सांवरिया सेठ” के बारे में है, जिनकी भक्ति विशेष रूप से राजस्थान और उत्तर भारत में की जाती है।
Q2: यह भजन किस भाषा में है?
उत्तर: यह भजन राजस्थानी और हिंदी मिश्रित भाषा में गाया जाता है, जो इसे भावपूर्ण बनाता है।
Q3: क्या यह भजन किसी विशेष अवसर पर गाया जाता है?
उत्तर: इसे आमतौर पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, भजन संध्या, या भक्ति आयोजनों में गाया जाता है।
Q4: क्या इस भजन का वीडियो यूट्यूब पर उपलब्ध है?
उत्तर: हां, यह भजन कई गायकों द्वारा यूट्यूब पर अपलोड किया गया है, जिसमें लोक धुन और भक्ति रस भरा हुआ है।
Q5: क्या इस भजन को मीरा बाई के भजनों से जोड़ा जा सकता है?
उत्तर: हां, इसमें भक्तिवाद और प्रेम भाव की वही गहराई है जो मीरा बाई के भजनों में होती है।
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