नहीं जानत श्याम मोरी पीर लिरिक्स | Top Raag Thumri Bhajan Lyrics in Hindi
राग ठुमरी
नहीं जानत श्याम मोरी पीर,
सखी री में तो कैसे कहू कित जाऊं सरर सरर
नहीं जानत श्याम मोरी पीर ।। टेर ।।
नरम कुल ईया मोरी मरोडी।
और ना मो से किनी बारा जारी
जब चुडीया करक गई सरर सरर
नहीं जानत श्याम मोरी पीर ।। टेर ।।
कैसे करू कित जाऊ सरर सरर
पनघर अटपर मोकू सजनी और ना मोसै
किनी मधु वचनी जब नीर झरक गयो । सरर सरर
नहीं जानत श्याम मोरी पीर ।। टेर ।।
सखी मे तो कैसे कहू कित जाऊ।
कैसे कहू कित जाऊ सरर सरर
नहीं जानत श्याम मोरी पीर
चन्द्र सखी ब्रज बाल कन्हैया ।। टेर ।।
पार लगादयों । प्रभु मोरी नईया
ये जिन्दगी जायरही। सरर सरर
नही जानत श्याम मोरी पीर ।। टेर ।।
प्रेषक : दिलीप कुमार जी सेन, राड़ावास
✅ FAQs (Frequently Asked Questions):
Q1: "नहीं जानत श्याम मोरी पीर" भजन किस राग में गाया जाता है?
A1: यह भजन राग ठुमरी में गाया गया है, जो एक भावप्रवण शास्त्रीय राग है।
Q2: इस भजन का मुख्य भाव क्या है?
A2: इस भजन में एक भक्त अपनी पीड़ा को श्याम (कृष्ण) से कह रहा है, परंतु श्याम उसे न समझ पाने की शिकायत करता है।
Q3: यह भजन किसके द्वारा गाया गया है?
A3: इसे कई प्रसिद्ध कलाकारों ने गाया है, जैसे पंडित जसराज, किशोरी अमोनकर, या अन्य शास्त्रीय गायक।
Q4: क्या यह भजन शास्त्रीय संगीत पर आधारित है?
A4: हां, यह ठुमरी शैली का शास्त्रीय भजन है।
Q5: क्या मैं इस भजन के लिरिक्स डाउनलोड कर सकता हूँ?
A5: हां, आप विभिन्न भजन वेबसाइट्स या संगीत ब्लॉग्स से इसके लिरिक्स डाउनलोड कर सकते हैं।
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